महोबा में फरवरी में आयोजित होने वाले महोबा महोत्सव का नाम बदलकर अब ‘सूर्य महोत्सव’ कर दिया गया है। इस महोत्सव का उद्देश्य प्राचीन सूर्य मंदिर और सूर्य पूजा के ऐतिहासिक महत्व को विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करना है। प्रशासन और पर्यटन विभाग ने महोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक की, जिसमें जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी सहमति दी। यह निर्णय पर्यटन एवं संस्कृति परिषद महोबा की कार्यकारी समिति की बैठक में लिया गया। जिलाधिकारी गजल भारद्वाज ने महोबा नगर के प्राचीन महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जिले में स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर और सूर्य पूजा का ऐतिहासिक महत्व रहा है। सूर्य महोत्सव का मुख्य उद्देश्य इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को विश्व पर्यटन पटल पर स्थापित करना और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करना है। महोत्सव के दौरान विशेष रूप से रहेलिया सूर्य मंदिर के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखकर विभिन्न आयोजन किए जाएंगे। बैठक में मुख्य अतिथि और सदर विधायक राकेश गोस्वामी ने कहा कि महोत्सव को जनपद के इतिहास और संस्कृति के साथ जोड़कर आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि स्थानीय और बुंदेली कलाकारों को महोत्सव में भाग लेने का अवसर दिया जाए। इसके साथ ही, बैठक में महोबा में चल रही पर्यटन परियोजनाओं की समीक्षा भी की गई। जिला पंचायत अध्यक्ष जे. पी. अनुरागी ने परियोजनाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करने पर जोर दिया। गोरखगिरी पर्वत पर चल रहे विकास कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। यूपीपीसीएल (UPPCL) द्वारा महोबा में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित सब इंटरप्रिटेशन सेंटर परियोजना की प्रस्तुति भी दी गई।
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