प्रयागराज में 3 जनवरी 2026 से पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व के साथ माघ मेले की औपचारिक शुरुआत होगी। मेले की तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा भूमि आवंटन के बाद संगम क्षेत्र में तंबुओं का शहर आकार ले रहा है। परंपरा के अनुसार, शिविर स्थापना से पहले भूमि पूजन किया जाता है। इसी क्रम में सोमवार को महिला संत राधाचार्या जी ने सेक्टर दो में विधिवत भूमि पूजन किया। भूमि पूजन के दौरान संतों ने मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती से माघ मेले के सकुशल, शांतिपूर्ण और सफल आयोजन की कामना की। भूमि पूजन के बाद अब साधु-संतों के शिविर तेजी से स्थापित किए जाएंगे। पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व से कल्पवासी कल्पवास का संकल्प लेकर संगम तट पर निवास प्रारंभ करेंगे। माघ मास के दौरान विभिन्न संतों के शिविरों में प्रतिदिन कथा, प्रवचन, यज्ञ, हवन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान आयोजित होंगे। श्रद्धालुओं के लिए भंडारा और अन्न क्षेत्र भी लगातार संचालित किए जाएंगे। इस दौरान संगम की रेती पर धर्म और अध्यात्म की विशेष बयार बहेगी। साधु-संतों के सान्निध्य में श्रद्धालु संयम, साधना और सेवा भाव के साथ कल्पवास का पालन करेंगे। माघ मेला कुल 44 दिनों तक चलेगा और 15 फरवरी 2026 को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान पर्व के साथ इसका समापन होगा। योगी सरकार के अनुमान के अनुसार, माघ मेला 2026 के दौरान 12 करोड़ से 15 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।
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