करीब 700 लोगों से 1500 करोड़ की ठगी के आरोपी रवींद्र नाथ सोनी ने निवेशकों और दुबई कोर्ट की कार्रवाई से बचने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। उसने क्रिप्टो पर अपनी ब्लूचिप कंपनी के दो लाख करोड़ (दो ट्रिलियन) के टोकन जारी किए थे। यह टोकन देकर वह निवेशकों से पीछा छुड़ाना चाहता था। हालांकि टोकन को ब्लॉक चेन में नहीं शामिल करा सका, इसके बाद ही वह दुबई छोड़कर भाग आया। यह जानकारी एसआईटी की पूछताछ में सामने आई है। अधिकारियों के मुताबिक जितनी राशि का टोकन जिस निवेशक को दिया जाता, उतने का मालिकाना हक उसके पास आ जाता। ब्लॉक चेन में टोकन के शामिल होने के बाद निवेशक अपनी राशि निकाल सकता था। वह इस कदम से निवेशकों को शांत करना चाहता था। फेडरल कोर्ट ने लगाई थी रोक सूत्रों के मुताबिक एसआईटी को इसके साक्ष्य भी मिले हैं। कंपनी में कई साझीदार थे, जो समय-समय पर पैसा निकालते रहते थे। किसी पर भी कोई रोकटोक नहीं थी। इसी के चलते कुछ ही समय बाद जब निवेशकों का रिटर्न नहीं पहुंचा तो लोगों ने छानबीन शुरू की। कई निवेशकों ने लीगल नोटिस भेजे तो कई ने कोर्ट में केस कर दिया। इस पर दुबई की फेडरल कोर्ट ने रवींद्र के देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी। निवेशकों को समझाने और रुपए वापसी को भरोसा दिलाने के लिए महाठग ने क्रिप्टो के टोकन जारी करने की साजिश रची। उसने ब्लू चिप कंपनी के नाम पर दो ट्रिलियन टोकन जारी कर दिए। कंपनी के टर्नओवर के अनुसार टोकन की एक निश्चित कीमत तय करके उसे निवेशकों को जारी करने की तैयारी थी। दुबई के अफसरों दस्तावेज भी साझा किए महाठग के कानपुर जेल में होने की जानकारी दुबई सरकार को मिली तो वहां से एक बड़े अधिकारी ने कमिश्नरेट पुलिस से संपर्क किया। सूचनाएं और दस्तावेज भी साझा किए। वह शनिवार को कानपुर भी आ सकते हैं। अधिकारियों ने दुबई सरकार और वहां की पुलिस के संपर्क में होने की पुष्टि की है। जुमानी ने वकील भेज खुद को बताया निर्दोष कमिश्नरेट पुलिस ने रवींद्र नाथ सोनी के साथ एक कंपनी में संचालक सूरज जुमानी को नोटिस जारी कर पक्ष रखने को कहा है। इसी के चलते शुक्रवार को सूरज जुमानी ने कुछ अधिवक्ताओं को भेजकर खुद को पाक-साफ बताया था। उसने पुलिस को कुछ दस्तावेज भी भेजे हैं। जुमानी के द्वारा भेजे गए एग्रीमेंट के मुताबिक उसने ब्लू चिप कंपनी में 7,72,108 डॉलर (6.95 करोड़ रुपये) और 57,57,227 दिरहम (1.14 करोड़ रुपये) निवेश किए हैं। एग्रीमेंट भेजकर उसने खुद को पीड़ित बताया, हालांकि एसआईटी सभी दस्तावेजों की जांच करा रही है। अधिवक्ताओं को भी चेतावनी दी गई कि इससे जुमानी का अपराध कम नहीं हो जाता है। उसे पक्ष रखना ही होगा नहीं तो रेड कार्नर नोटिस जारी करवाया जाएगा। जुमानी ने तीन जापानी द्वारा भी करोड़ों का इनवेस्ट करने के दस्तावेज भेजे हैं। इसमें हीरो यूकी हयासी का 1,26,744 डॉलर (करोड़ रुपये), मिस्टर टमी यूकी मियामोटो का पांच लाख डॉलर (4.47 करोड़ रुपये) और योसी यूकी सिरसावा का 30 हजार डॉलर (2.70 लाख रुपये) निवेश करने का एग्रीमेंट भेजा है।
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