महराजगंज में एक झोलाछाप चिकित्सक के इलाज से 17 वर्षीय किशोर की कथित मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग से पत्र मिलने के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने बुधवार को दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है। टीम को तत्काल जांच शुरू करने और मौके पर पहुंचकर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमओ कार्यालय से जारी जानकारी के अनुसार, मानवाधिकार आयोग के सदस्य ब्रजभूषण ने इस घटना का संज्ञान लिया था। आयोग को भेजी गई शिकायत में राइट्स एक्टिविस्ट राजहंस बंसल ने आरोप लगाया था कि शाहपुर जंगल, थाना पुरन्दरपुर निवासी 17 वर्षीय महेंद्र की 8 अक्टूबर को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक, महेंद्र का उपचार जनपद के एक झोलाछाप क्लिनिक सेंटर पर चल रहा था। आरोप है कि कथित लापरवाही और गलत उपचार के कारण उसकी जान चली गई। शिकायत में इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ डॉ. शुक्ला ने एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी (प्राइवेट अस्पताल/झोलाछाप क्लिनिक) डॉ. वीरेंद्र कुमार आर्या और सीएचसी अधीक्षक, लक्ष्मीपुर डॉ. अरुण कुमार गुप्ता को जांच अधिकारी नामित किया है। टीम को निर्देश दिया गया है कि वे तत्काल स्थल निरीक्षण कर तथ्यों का सत्यापन करें और पूरे घटनाक्रम की विस्तृत आख्या जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं। इस संबंध में सीएमओ डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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