मेरठ में मर्चेंट नेवी ऑफिसर सौरभ राजपूत हत्याकांड की सुनवाई मंगलवार को जिला जज अनुपम कुमार की अदालत में हुई। इस दौरान केस के दूसरे विवेचक निरीक्षक रमाकांत पचौरी की महत्वपूर्ण गवाही दर्ज की गई। वर्तमान में ब्रह्मपुरी थाना प्रभारी के पद पर तैनात निरीक्षक पचौरी ने अदालत को अपनी विवेचना से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्होंने 16 मार्च 2025 को विवेचना ग्रहण की थी। इस अवधि के दौरान,उन्होंने घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण करते हुए अनेक महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए। मौके से बाथरूम की टाइल्स में मिले खून और सीमेंट जैसे मिश्रित पदार्थ को फील्ड यूनिट की मदद से बरामद कर फोरेंसिक जांच के लिए लैब भेजा गया। इसके अतिरिक्त,बेड के अंदर से एक बड़ा स्काई ब्लू रंग का ब्रीफकेस भी जांच का हिस्सा रहा, जिसमें हड्डी जैसा पदार्थ मिला था। इस सामग्री की भी वैज्ञानिक जांच कराई गई और उसकी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की गई। निरीक्षक पचौरी ने अपनी पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों के बयान दर्ज किए। इनमें कैब ड्राइवर अजब सिंह, नशीला इंजेक्शन बेचने वाले दवा विक्रेता, मेडिकल स्टोर संचालक, नीला ड्रम उपलब्ध कराने वाले सैफुद्दीन, ट्रैवल एजेंसी संचालक विकास और शिमला यात्रा पर गए दरोगा शामिल हैं। उन्होंने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के भी बयान दर्ज किए। निरीक्षक पचौरी ने वीडियो ग्राफिक निरीक्षण सहित सभी साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए। हालांकि, मंगलवार को जिरह नहीं हो सकी। अदालत ने निरीक्षक पचौरी को 15 नवंबर को उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। उस दिन जिरह की जाएगी। इस चर्चित हत्याकांड में अब तक 14 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। इनमें सौरभ की मां, भाई, मित्र, पोस्टमार्टम टीम,विभिन्न विक्रेता और कैब ड्राइवर समेत सभी महत्वपूर्ण गवाह शामिल हैं। सौरभ राजपूत लंदन के एक मॉल में कार्यरत थे और मर्चेंट नेवी के पूर्व अधिकारी थे, 24 फरवरी 2025 को मेरठ आए थे। तीन मार्च की रात उनकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने सौरभ की हत्या कर शव को टुकड़ों में काटकर नीले प्लास्टिक ड्रम में सीमेंट के साथ छिपा दिया था। 18 मार्च को सौरभ के भाई बबलू की तहरीर पर पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा किया था।
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