महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलने के विरोध में कांग्रेस लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। इस विरोध के तहत कांग्रेस ने सोमवार को लखनऊ में प्रदर्शन किया। शहर कांग्रेस कमेटी (दक्षिणी) के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च किया गया। इसके बाद, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर केंद्र सरकार से महात्मा गांधी का नाम फिर से बहाल करने की मांग की। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि योजना का नाम वापस महात्मा गांधी के नाम पर नहीं किया गया तो कांग्रेस लगातार इस मुद्दे पर प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस ने इस कदम को महात्मा गांधी का अपमान बताया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि महात्मा गांधी का नाम हटा देने से उनका सम्मान कम नहीं होगा। जब तक भारत देश रहेगा, तब तक महात्मा गांधी का नाम रहेगा। कांग्रेस नगर अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव त्यागी ने कहा- गांधी की हत्या हथियारों से कर सकते हो, लेकिन उनकी विचारधारा को खत्म नहीं कर सकते। आज दुनिया भारत को गांधी के देश के नाम से जानती है। 130 देशों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा लगी हुई है। जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और सोनिया गांधी यूपीए की चेयरपर्सन थीं, तब देश के करोड़ों लोगों को रोजगार देने के लिए यह नई योजना लाई गई थी। देश के किसानों और गरीब आदमी को रोजगार देने के लिए यह बेमिसाल योजना लाई गई थी, जिसका नाम महात्मा गांधी मनरेगा योजना था। गांधी की विचारधारा से मत करो नफरत त्यागी ने कहा कि कोई महात्मा गांधी से नफरत कर सकता है, लेकिन उनकी विचारधारा से नहीं। उनकी विचारधारा आज भी दुनिया के हर कोने में गरीब और मजदूरों की आवाज है। कांग्रेस ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया है। आने वाले दिनों में लगातार वार्डों, ब्लॉकों में प्रदर्शन करेंगे। इस आंदोलन को ग्रासरूट लेवल तक लेकर जाएंगे.
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