सहारनपुर कलेक्ट्रेट परिसर में सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी की तस्वीरें हाथों में लेकर नारेबाजी की और मनरेगा योजना का नाम बदलने के कथित प्रयास को लेकर गंभीर आरोप लगाए। प्रदर्शन के बाद वे जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित एक मांगपत्र सौंपा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि केंद्र की भाजपा सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलकर ‘जी राम जी’ करने का प्रयास कर रही है।कांग्रेस ने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताया और कहा कि यह केवल नाम बदलने की राजनीति नहीं, बल्कि योजना के मूल स्वरूप और उद्देश्यों को कमजोर करने की साजिश है। पार्टी नेताओं ने मनरेगा को ग्रामीण मजदूरों के अधिकारों और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी पर सीधा हमला करार दिया।कांग्रेस का कहना है कि मनरेगा “हर हाथ को काम, पूरा दाम” के सिद्धांत पर आधारित एक ऐतिहासिक कानून है, जिसने करोड़ों ग्रामीण परिवारों को रोजगार और सम्मान प्रदान किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मनरेगा के वित्तपोषण और प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, लेकिन सरकार लगातार इसे कमजोर करने का प्रयास कर रही है। पार्टी का दावा है कि नाम बदलने जैसे मुद्दों में उलझकर सरकार बेरोजगारी,महंगाई,शिक्षा,स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार जैसे वास्तविक सवालों से जनता का ध्यान भटका रही है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष संदीप राणा ने कहा कि भाजपा सरकार नाम बदलने की राजनीति में व्यस्त है।उन्होंने सवाल उठाया कि पहले स्टेशनों और शहरों के नाम बदले गए और अब जनकल्याणकारी योजनाओं के नाम बदलने की तैयारी है, जिससे आम जनता को क्या लाभ मिलेगा। राणा ने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं के रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी समस्याओं पर चुप है और केवल धार्मिक व भावनात्मक मुद्दों को हवा दे रही है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि महात्मा गांधी के नाम और मजदूरों के अधिकारों से किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।पार्टी ने ऐलान किया कि यदि मनरेगा के नाम या स्वरूप से छेड़छाड़ की गई तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक मजबूती से संघर्ष जारी रखेगी।
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