बलरामपुर में मदरसा जामिया अनवारूल उलूम में कनिष्ठ सहायक पद पर हुई नियुक्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। मृतक आश्रित कोटे से हुई इस नियुक्ति में फर्जी और कूटरचित शपथ पत्र के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है। इस मामले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की तहरीर पर मदरसा के प्रधानाचार्य मेराज अहमद, लिपिक अजीज अहमद सहित अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुलसीपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार, मो. हसन रजा को 25 मई 2020 को मदरसा जामिया अनवारूल उलूम में कनिष्ठ सहायक पद पर मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त किया गया था। जांच के दौरान रजिस्ट्रार कार्यालय की फाइल में 2 जुलाई 2020 का एक शपथ पत्र मिला। इस शपथ पत्र में मो. हसन रजा की ओर से दर्शाया गया था कि उनके पास सहायक अध्यापक आलिया, फौकानिया और तहतानिया की आवश्यक शैक्षिक योग्यताएं नहीं हैं। हालांकि, बाद में मो. हसन रजा ने 27 सितंबर 2021 को एक और शपथ पत्र प्रस्तुत किया। इसमें उन्होंने दावा किया कि पहले संलग्न किया गया शपथ पत्र पूरी तरह फर्जी था। शासन के निर्देश पर इस मामले को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया, जहां हस्ताक्षरों की वैज्ञानिक जांच कराई गई। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की 21 अक्टूबर 2022 की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि विवादित शपथ पत्र पर किए गए हस्ताक्षर मो. हसन रजा के मूल नमूना हस्ताक्षरों से मेल नहीं खाते थे। रिपोर्ट में इन हस्ताक्षरों को जाली करार दिया गया। इसी आधार पर शासन ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।
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