मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे की जांच के लिए बनाई टीम को अब 24 घंटे का समय और मिल गया है। ADM प्रशासन के नेतृत्व में बनाई गई 6 सदस्यीय टीम को पहले अपनी रिपोर्ट 48 घंटे में सौंपनी थी। लेकिन अब टीम 72 घंटे बाद रिपोर्ट देगी। टीम अपनी रिपोर्ट DM को सौंपेगी। टीम अभी तक घटना स्थल का निरीक्षण,हादसे का शिकार हुए वाहनों की जांच और 18 लोगों के बयान रिकॉर्ड कर चुकी है। घटना स्थल से शुरू की थी जांच ADM प्रशासन अमरेश कुमार के नेतृत्व में बनाई गई जांच समिति बुधवार को सबसे पहले घटना स्थल का निरीक्षण किया। टीम ने यहां 3 घंटे तक रहकर गहनता से निरीक्षण किया। इसके बाद टीम के सदस्यों ने हादसे का शिकार हुए वाहनों को देखा। टीम ने यह जानने की कोशिश की कि सबसे पहले कौन सा वाहन टकराया। कानपुर की स्विफ्ट टकराई डिवाइडर से मंगलवार की सुबह करीब 4 बजे हुए हादसे में सबसे पहले कानपुर की स्विफ्ट UP 78 JE 9144 डिवाइडर से टकराई। इसके बाद एक अर्टिगा गाड़ी टकराई। इसके पीछे भाजपा नेता अखिलेंद्र प्रताप यादव की ब्रिजा गाड़ी टकराई। जिसके बाद पीछे से आ रही बसें टकराती चली गईं। इसी दौरान ब्रिजा गाड़ी के पेट्रोल टैंक में आग लग गई और आग ने कुछ ही देर में पीछे मौजूद सभी बसों को अपनी जद में ले लिया। टीम ने लिए बयान हादसे के कारणों को जानने में जुटी टीम ने अभी तक 18 लोगों के बयान रिकॉर्ड किए हैं। जिसमें हादसे में शिकार हुए वाहनों में बैठे लोग,हादसे के बाद मौके पर पहुंचे आसपास के ग्रामीणों के अलावा बसों के मालिक आदि हैं। जांच टीम को सबसे बड़ी दिक्कत यह आ रही है कि कोई भी व्यक्ति स्पष्ट कारण नहीं बता पाया। हादसे के समय ज्यादातर लोग थे नींद में जांच टीम के सामने बयान देने वालों में अधिकतर वह लोग थे जो हादसे में शिकार हुए वाहनों में यात्रा कर रहे थे। इन लोगों ने बताया जिस समय हादसा हुआ अधिकांश लोग सोए हुए थे। जब उनकी गाड़ी टकराई तब तक चीख पुकार मचना शुरू हो गई। कुछ समझ पाते उससे पहले ही आग लग गई। किसी तरह जान बचाई। वहीं मौके पर पहुंचे स्थानीय युवकों ने बताया कि वह मॉर्निंग वॉक के लिए तैयार हो रहे थे इसी दौरान तेज आवाज आई। एक्सप्रेस वे की तरफ देखा तो हादसा नजर आया। इसके बाद तुरंत घटना स्थल के लिए दौड़ लगा दी। जलकर खत्म हुए वाहन हादसे में जली बस और ब्रिजा गाड़ी का निरीक्षण करने पहुंची टीम को वहां भी ज्यादा सफलता नहीं मिली। हादसे का शिकार हुए वाहन पूरी तरह जलकर खत्म हो गए थे। 18 वाहनों में से 9 में आग लगी थी जबकि 9 क्षतिग्रस्त वाहनों को उनके मालिक ले गए थे। जांच टीम ने 14 वाहनों की जांच की। जिसमें पता चला सभी के कागजों में कोई कमी नहीं थी। बसों की फिटनेस और बीमा भी था। 3 दिन बाद भी तलाश रहे इवेंट प्लानर को हादसे में अभी भी ऐसे कई लोग हैं जिनके अपने नहीं मिले हैं। ऐसे ही एक हैं कानपुर के 35 वर्षीय अनुज श्रीवास्तव। इवेंट प्लानर अनुज श्रीवास्तव अपने एक साथी सोनू बर्मा के साथ दिल्ली इवेंट का सामान लेने शताब्दी ट्रेवल्स की बस से कानपुर से निकले। इस हादसे में सोनू तो घायल अवस्था में मिल गया लेकिन अनुज का कोई पता नहीं चला है। पिता ने दिया DNA के लिए सैंपल अनुज की तलाश में उनके पिता,भाई,भाभी और दोस्त जगह जगह भटक रहे हैं। अनुज के भाई शुभम श्री वास्तव ने बताया कि उनके भाई का 3 दिन से कुछ पता नहीं चला है। हादसे वाले दिन उनका फोन 9 बजे तक चालू था। हालांकि किसी ने फोन नहीं उठाया। उसके बाद से फोन बंद है। अब भाई की तलाश के लिए पिता ने सैंपल दिया है। जरूरत पड़ी तो वह भी अपना सैंपल दे देंगे। 14 के लिए DNA सैंपल हादसे में मृतकों की संख्या 19 हो गई है। जिसमें से 4 की शिनाख्त हो चुकी है। जिसके बाद उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए। बाकी बचे 15 शवों की शिनाख्त के लिए प्रशासन DNA सैंपल ले रहा है। अब तक 14 लोगों के DNA सैंपल ले लिए गए हैं। जिन्हें जांच के लिए आगरा भेजा गया है। DNA रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
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