मथुरा में वन विभाग और वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (WCCB) ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए तीन वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से लाखों रुपये मूल्य के अवैध वन्यजीव अंग, जिनमें 50 हत्था-जोड़ियाँ (विशखपरिया अंग) और 14 उल्लुओं के पंजे शामिल हैं, बरामद किए गए। WCCB की नई दिल्ली शाखा को 23 नवंबर 2025 को करीब 2:30 बजे जानकारी मिली कि राजस्थान से दो व्यक्ति अवैध वन्यजीव उत्पादों की तस्करी के लिए मथुरा आ रहे हैं। सूचना के बाद दो महिला वन रक्षकों सहित 14 सदस्यीय विशेष टीम बनाई गई। योजना के तहत WCCB अधिकारी और वन दरोगा खरीदार बनकर तस्करों से संपर्क में आए। उनके साथ एक स्थानीय व्यापारी भी पाया गया। डील के दौरान विशेष टीम ने तीनों आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। बरामद किए गए इन अंगों का उपयोग तांत्रिक क्रियाओं और जादू-टोना में किया जाता है, जिसके कारण अवैध बाजार में इनकी कीमत काफी अधिक होती है। तीनों अभियुक्तों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 (WPA) के तहत गिरफ्तार कर रात करीब 11 बजे गोवर्धन रेंज कार्यालय लाया गया, जहाँ पूछताछ और दस्तावेजी कार्रवाई पूरी की गई। सोमवार को उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जिसने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हीरापुर कासगंज निवासी विकास (पुत्र रामगोपाल), और फिरोजाबाद के ग्राम बलू नारखी निवासी संजय कुमार (पुत्र अच्छेलाल) व वीरेंद्र सिंह (पुत्र कृष्णपाल सिंह) के रूप में हुई है। सामाजिक वानिकी मथुरा के प्रभावी निदेशक वेंकटा श्रीकर पटेल ने कहा कि यह कार्रवाई वन्यजीव तस्करी पर बड़ा प्रहार है और भविष्य में भी ऐसे अभियान जारी रहेंगे।
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