मथुरा में सोमवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मनरेगा योजना से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने के विरोध में जिला मुख्यालय पर आयोजित किया गया। इस दौरान कांग्रेस के दो गुट अलग-अलग नेतृत्व में जिला मुख्यालय पहुंचे, लेकिन उनका मुद्दा एक ही रहा—गांधी जी की विरासत की रक्षा। एक गुट का नेतृत्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश धनगर ने किया, जबकि दूसरे गुट का नेतृत्व महानगर अध्यक्ष यतेन्द्र मुकद्दम और पूर्व विधायक प्रदीप माथुर ने संभाला। दोनों गुटों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सुनियोजित तरीके से महात्मा गांधी के नाम, विचारों और उनकी ऐतिहासिक विरासत को मिटाने का प्रयास कर रही है। जिलाध्यक्ष मुकेश धनगर ने अपने संबोधन में कहा कि मनरेगा जैसी ऐतिहासिक योजना, जो करोड़ों गरीबों, मजदूरों और ग्रामीण परिवारों के जीवन का सहारा है, उससे गांधी जी का नाम हटाना जनता के हक और गांधी जी की सोच पर सीधा हमला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गांधी कोई नाम नहीं, बल्कि एक विचार हैं, जिन्हें कागजों या सरकारी आदेशों से मिटाया नहीं जा सकता। महानगर अध्यक्ष यतेन्द्र मुकद्दम और पूर्व विधायक प्रदीप माथुर ने संयुक्त रूप से कहा कि जब-जब गांधी को मिटाने की कोशिश हुई है, तब-तब वे और मजबूती से जनता के बीच खड़े हुए हैं। उन्होंने इसे नाम की नहीं, बल्कि सरकार की नीयत की लड़ाई बताया, जिसे देश की जनता भली-भांति पहचान चुकी है। विरोध प्रदर्शन का संचालन पूर्व महानगर अध्यक्ष विक्रम बाल्मीकि ने किया। इस प्रदर्शन में प्रेम शंकर शर्मा, बालवीर प्रधान, मनोज गौड़, आशीष अग्रवाल, प्रवीण भास्कर, अश्वनी शुक्ला, शैलेंद्र चौधरी, आदित्य तिवारी, कुंवर सिंह निषाद, मानवेंद्र पांडव, रमेश कश्यप, दीपक आर्य, धीरज शर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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