मथुरा के छटीकरा-वृंदावन स्थित चारधाम परिसर के पास रेहड़ी लगाकर जीवनयापन करने वाले करीब 100 परिवारों की रोज़ी-रोटी पर खतरा मंडरा रहा है। मंगलवार को दर्जनों रेहड़ी संचालक राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) नेता कुँवर नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपते हुए अपनी रेहडिय़ां न हटाए जाने तथा पूर्ववत स्थान पर लगाने की अनुमति देने की मांग की। रेहड़ी संचालकों का कहना है कि वे वर्ष 2011 से चारधाम मंदिर की दीवार के सहारे, फुटपाथ से हटकर रेहडिय़ां लगाते रहे हैं। यहां वे लड्डू गोपाल ठाकुर जी की पोशाक, कंठी-माला, चंदन और अन्य पूजन सामग्री बेचते हैं। उनका दावा है कि वे न तो कूड़ा फैलाते हैं और न ही यातायात व्यवस्था में कोई बाधा उत्पन्न करते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी प्रकार का स्थायी अतिक्रमण नहीं करते। हाल में रेहडिय़ां न लग पाने से इन परिवारों के सामने भरण-पोषण का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। लगभग 100 रेहडिय़ों से करीब 500 लोगों की आजीविका जुड़ी है। इनमें अधिकांश गरीब और बेरोजगार युवा शामिल हैं, जिनके लिए यही रोजगार का एकमात्र साधन है। काम बंद होने से कई परिवारों में भोजन तक का संकट पैदा हो गया है। रालोद नेता कुंवर नरेंद्र सिंह ने प्रशासन से कहा कि यह मुद्दा सीधे तौर पर गरीब परिवारों की आजीविका से जुड़ा है। उन्होंने मानवता के आधार पर निर्धारित स्थान वैष्णो देवी मंदिर चारधाम परिसर के पास पर उन्हें अस्थायी रूप से पुनः रेहड़ी लगाने की अनुमति देने की मांग की। रेहड़ी संचालकों ने जिलाधिकारी से इस मामले में जल्द और सकारात्मक निर्णय लेने की उम्मीद जताई है, ताकि वे सम्मानपूर्वक अपनी आजीविका जारी रख सकें।
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