मथुरा में नगर आयुक्त जग प्रवेश ने सीएम-ग्रिड योजना के तहत बन रही गोविंद नगर रोड का अचानक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य में कई गंभीर खामियां सामने आईं। मौके पर मुख्य अभियंता संजय चौहान, डेरा कंसल्टेंट मयंक गर्ग, पार्षद नीरज वशिष्ठ, पार्षद प्रतिनिधि धर्मेश तिवारी, पार्षद धनंजय चौधरी और पार्षद प्रतिनिधि कुंज बिहारी सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे। निरीक्षण में हरिश राधव की कोठी के पास फुटपाथ पर लगी टाइलें मानकों के अनुरूप नहीं पाई गईं, कई जगह दरारें थीं। नगर आयुक्त ने इन्हें तुरंत ठीक कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा, महाविद्या चौराहे और शौचालय के पास भूमिगत विद्युतीकरण के लिए बनाए गए चेम्बरों का आकार भी मानक के अनुसार नहीं पाया गया। इन चेम्बरों को तोड़कर दोबारा मानक के अनुरूप बनाने के आदेश दिए गए। महाविद्या चौराहे से शौचालय तक बने सीवर चैम्बरों को सड़क के समतलीकरण के अनुसार बनाने के निर्देश दिए गए। गोविन्द नगर की ओर बनाए गए डिवाइडर भी मानक के अनुरूप नहीं पाए गए, जिन्हें तोड़कर फिर से बनाने का आदेश दिया गया। नाले की मरम्मत में भी लापरवाही मिली, जहां बिना सफाई किए ही स्लैब डाल दिए गए थे। नगर आयुक्त ने कार्य को सही तरीके से दोबारा कराने के आदेश दिए। निरीक्षण में यह भी सामने आया कि ठेकेदार और कार्यदायी संस्था ने पहले दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया था। नगर आयुक्त ने मुख्य अभियंता सिविल को ठेकेदार और संबंधित फर्म पर 15 लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, अवर अभियंता और सहायक अभियंता के खिलाफ कार्रवाई के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजने के आदेश भी दिए गए। उन्होंने अधिशासी अभियंता को निर्माण सामग्री, जैसे स्टील और सीसी क्यूब, के नमूनों की गुणवत्ता जांच कराने के निर्देश भी दिए। नगर आयुक्त ने संबंधित फर्म को चेतावनी दी कि भविष्य में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कार्य मानक के अनुरूप नहीं पाया गया, तो अनुबंध के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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