मऊ जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन, उत्तर प्रदेश के बैनर तले दर्जनों ग्राम प्रधानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा, जिसमें मनरेगा कार्यों के बकाया भुगतान की मांग की गई है। ग्राम प्रधानों का कहना है कि जिले के नौ ब्लॉकों में मनरेगा के तहत कराए गए निर्माण कार्यों का लगभग 10 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है। इस राशि का भुगतान न होने से ग्राम पंचायतों में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। संगठन के मंडल उपाध्यक्ष काशी नाथ यादव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 और वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 के मनरेगा कार्यों के सामग्री मद का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। इससे प्रधानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भुगतान न मिलने के कारण कुछ ब्लॉकों में मस्टर रोल जारी करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, सीमेंट, बालू, सरिया, गिट्टी और इंटरलॉकिंग ईंट जैसे सामग्री की आपूर्ति करने वाले फर्म भी प्रधानों पर भुगतान के लिए दबाव बना रहे हैं। प्रधानों का आरोप है कि इससे उनका मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पंचायतों का कार्यकाल अब केवल 3-4 महीने शेष रह गया है और पुलिस प्रशासन से भी उन्हें सहयोग नहीं मिल रहा है। संगठन को यह भी जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार द्वारा भुगतान के लिए पूरी धनराशि राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भुगतान नहीं हो रहा है। ग्राम प्रधानों ने जल्द से जल्द बकाया भुगतान की मांग की है। इस प्रदर्शन के दौरान संगठन के प्रदेश प्रभारी रविंद्र राय, काशीनाथ यादव, रजनीकांत मौर्य, लल्लन यादव और कमलेश यादव सहित कई अन्य पदाधिकारी और ग्राम प्रधान मौजूद रहे।
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