मऊ जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में सोमवार को सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, मऊ इकाई के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन भेजा। संगठन के संयोजक अश्वनी कुमार राय ने बताया कि यह प्रदर्शन पेंशन संबंधी मुद्दों को लेकर किया गया है। उनकी मुख्य मांगों में वित्त विधेयक 2025 के तहत पेंशनभोगियों के साथ कथित भेदभाव को समाप्त करना शामिल है। राय ने आगे बताया कि वे केंद्रीय आठवें वेतन आयोग की शर्तों में पुरानी पेंशन के लाभों को शामिल करने और ‘गैर-अंशदायी एवं वित्त पोषित पेंशन’ की श्रेणी को हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो उनका आंदोलन जारी रहेगा। संगठन के जिलाध्यक्ष रामाश्रय यादव ने कहा कि सरकार आठवें वेतन आयोग के लिए पेंशनभोगियों को ‘संस्थी’ (संस्थागत) लाभ दे रही है। उन्होंने बताया कि 2025 में घोषणा की गई थी कि यह 2026 में लागू होगा। यादव ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि कर्मचारियों और शिक्षकों के हितों पर कुठाराघात नहीं किया जाएगा। हालांकि, यादव के अनुसार, वर्तमान नोटिफिकेशन से स्पष्ट है कि सरकार पेंशनभोगियों को लाभ देने में टालमटोल कर रही है और उन्हें नोटिफिकेशन में उचित स्थान नहीं दे रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि कर्मचारियों को उनका हक मिलना चाहिए। इस प्रदर्शन के दौरान संगठन के संयोजक अश्वनी कुमार राय, जिलाध्यक्ष रामाश्रय यादव, कृष्णानंद राय, ओम प्रकाश सिंह, सीताराम वर्मा और उदयभान सिंह सहित कई अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
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