मऊ की एक अदालत ने माफिया रमेश सिंह काका को वैज्ञानिकों को धमकाने के मामले में छह माह के साधारण कारावास और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें तत्काल जमानत भी दे दी। यह मामला 2009 में दर्ज किया गया था। यह मामला मऊ जिले के सरायलखंसी थाना क्षेत्र के कुशमौर स्थित बीज अनुसंधान केंद्र से जुड़ा है। वर्ष 2009 में अनुसंधान केंद्र के तत्कालीन डायरेक्टर सुशील सिंह ने रमेश सिंह काका के खिलाफ वैज्ञानिकों को धमकी देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस की विवेचना और अभियोजन अधिकारी हरेंद्र सिंह के तर्कों को सुनने के बाद, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) केपी सिंह ने रमेश सिंह को दोषी करार दिया। जानकारी के अनुसार, रमेश सिंह काका पर वैज्ञानिकों और पुलिसकर्मियों को धमकाने सहित कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें एक जेलर हत्याकांड से जुड़ा मामला भी शामिल है। रमेश सिंह काका के अधिवक्ता शशि प्रकाश सिंह तेगा ने बताया कि यह मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दर्ज किया गया था। उन्होंने पुष्टि की कि अदालत ने छह माह की सजा सुनाई और सीजेएम केपी सिंह ने तुरंत जमानत भी दे दी। पुलिस अधीक्षक मऊ इलामारन जी के निर्देश पर मॉनिटरिंग सेल की प्रभावी पैरवी के कारण यह दोषसिद्धि हुई। इस मामले में रमेश सिंह काका के साथ महेंद्र सिंह उर्फ पप्पू, राजीव सिंह और गोपाल दूबे भी सह-अभियुक्त थे, जिन्हें भी इसी अपराध के लिए छह माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है। ये सभी सरायलखंसी थाना क्षेत्र के निवासी हैं।
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