मऊ में पुलिस प्रशासन ने अपराध और अपराधियों पर शिकंजा कसते हुए बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस अधीक्षक इलामारन के निर्देश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत एक गैंग लीडर की करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई है। इस कार्रवाई से अपराधियों और उनके संरक्षकों में हड़कंप मच गया है। अपर पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार के निर्देशन और क्षेत्राधिकारी नगर क्रिश राजपूत के पर्यवेक्षण में एक संयुक्त पुलिस टीम का गठन किया गया था। अभियान के दौरान थाना कोतवाली नगर के कोतवाल अनिल कुमार सिंह को महत्वपूर्ण सफलता मिली। गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में अभियुक्त और गैंग लीडर होजैफा नसीम ने अपराध से अर्जित धनराशि को अपने परिजनों के नाम पर विभिन्न बैंकों में जमा कराया था। जांच में सामने आया कि अभियुक्त ने अपनी बहन समीरा परवीन के नाम इंडसइंड बैंक कोपागंज में लगभग 32.90 लाख रुपये, दूसरी बहन सईदा नसीम के नाम बंधन बैंक सदर चौक में करीब 57 लाख रुपये और तीसरी बहन निशात अफरोज के नाम बंधन बैंक में लगभग 33 लाख रुपये की एफडी कराई थी। इसके अतिरिक्त, अपनी माता कौशर जहाँ के नाम बंधन बैंक सदर चौक में 21 लाख रुपये की एफडी पाई गई। इस प्रकार, अभियुक्त द्वारा कुल 83,90,520 रुपये (तिरासी लाख नब्बे हजार पांच सौ बीस रुपये) की अपराध से अर्जित धनराशि अपने परिजनों के खातों में जमा कराने का तथ्य सामने आया। इस धनराशि को उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम की धारा 14(1) के तहत जब्त करने के लिए जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र को रिपोर्ट भेजी गई। उपलब्ध साक्ष्यों पर विचार करने के बाद, जिलाधिकारी ने आदेश पारित करते हुए संपूर्ण धनराशि को राज्य सरकार के पक्ष में जब्त करने का निर्देश दिया। पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई को अपराध के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट है कि अवैध कमाई करने वालों की संपत्ति अब सुरक्षित नहीं है।
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