मऊ जिले के राजकीय टीबी क्लीनिक में मरीजों ने आरोप लगाए हैं कि उन्हें मुफ्त जांच और दवाएं नहीं मिल रही हैं। मरीजों का दावा है कि उन्हें निजी केंद्रों पर भेजा जा रहा है। हालांकि, क्लीनिक में तैनात डॉक्टर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए सभी दवाएं उपलब्ध होने की बात कही है। इलाज के लिए पहुंची एक महिला मरीज ने बताया कि उनका इलाज पिछले 15 दिनों से चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वह आज क्लीनिक आईं, तो उन्हें बाहर से जांच कराने के लिए कहा गया। उन्हें बगल के एक निजी मेडिकल स्टोर पर भेजा गया, जहां जांच और दवा पर कुल 900 रुपये तक का खर्च आ रहा है। एक अन्य मरीज राजबहादुर ने भी इसी तरह के आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि कुछ दवाएं तो क्लीनिक से मिल जाती हैं, लेकिन कुछ दवाएं बाहर से लिखी जाती हैं, जिन्हें मरीजों को खरीदना पड़ता है। राजकीय टीबी क्लीनिक मऊ में तैनात डॉक्टर एच.आर. सोनी ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि क्षय रोगियों को दवा शुरू होने पर छह महीने तक प्रति माह 1000 रुपये दिए जाते हैं। डॉक्टर सोनी ने स्पष्ट किया कि टीबी मरीजों के लिए सभी आवश्यक दवाएं क्लीनिक में उपलब्ध हैं और बाहर से कोई दवा नहीं लिखी जाती है।
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