मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के प्रदूषण मंत्री केपी मलिक के भांजे प्रभात कुमार की पेपर मिल पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगा है। प्रभात कुमार ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेपर मिलों को ‘शुद्ध ऑक्सीजन’ का प्रतीक बताया था और RDF के उपयोग का बचाव किया था। हालांकि, हमारी टीम द्वारा सिलाजुड्डी गांव का दौरा करने पर जमीनी हकीकत कुछ और ही सामने आई। मंगलवार को सिलाजुड्डी गांव में प्रभात कुमार की आरामको पेपर मिल की चिमनी से काला धुआं निकलता देखा गया। गांव के मुख्य रास्ते पर स्थित फैक्टरी के एक खुले RDF गोदाम में वेस्ट पॉलीथिन और सड़ा-गला कूड़ा-करकट का ढेर मिला, जिससे तेज बदबू आ रही थी। ग्रामीणों ने बताया कि जब से आरामको फैक्ट्री लगी है, सांस लेना मुश्किल हो गया है। उन्हें खांसी, आंखों में जलन और कैंसर का डर सता रहा है। कई ग्रामीणों की आंखों की रोशनी प्रभावित हुई है। उनका कहना है कि छत पर सूखने डाले गए कपड़े काले हो जाते हैं और पूरा आंगन व दीवारें काली राख से ढक जाती हैं। ग्रामीणों के अनुसार, फैक्ट्री द्वारा यह कचरा जलाने से जहर फैलता है, जिससे उनकी फसलें और सेहत तबाह हो रही है। प्रभात कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘आधुनिक यंत्र’ और ‘ऑनलाइन मॉनिटरिंग’ का दावा किया था, लेकिन चिमनी से निकलता काला धुआं और गोदाम में सड़ा कचरा उनके दावों के विपरीत स्थिति दर्शाते हैं। ग्रामीणों ने प्रदूषण मंत्री केपी मलिक और प्रभात कुमार से सवाल किया है कि क्या यह ‘शुद्ध हवा’ है और उनके बच्चों का भविष्य क्यों खतरे में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभात और उनके साथी प्रदूषण के खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सिलाजुड्डी के ग्रामीण चुप नहीं बैठेंगे और अपनी सांसों का सौदा नहीं होने देंगे। उन्होंने प्रदूषण बोर्ड से कार्रवाई की मांग करते हुए लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है।
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