संतकबीरनगर का मेंहदावल विकासखंड एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गया है। यहां सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सामने आया है, जिसमें शिकायतकर्ता ने जांच की मांग की है। हालांकि, जांच प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उन्हीं को जांच के लिए भेजा जा रहा है। विकासखंड के इमलीडीहा गांव निवासी जीवधर यादव ने उपायुक्त मनरेगा को शिकायत पत्र सौंपा है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान जनित्रा पत्नी बैजनाथ ने सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया है। शिकायतकर्ता के अनुसार, एक परिवार में एक ही जॉब कार्ड होना चाहिए, लेकिन प्रधान ने अपने ही परिवार के 20 सदस्यों के फर्जी जॉब कार्ड बनवाकर बिना काम कराए सरकारी धन का गबन किया है। जीवधार यादव ने अपनी शिकायत में बताया है कि प्रधान के ससुर रामरूप, जिनकी उम्र 70 वर्ष है, उन्हें मनरेगा के तहत मिस्त्री और मजदूर दोनों के रूप में भुगतान किया गया है। इसके अतिरिक्त, अमृत सरोवर योजना के नाम पर भी काफी धनराशि निकाली गई है, लेकिन मौके पर कोई कार्य नहीं कराया गया। शिकायत में यह भी उल्लेख है कि ग्राम पंचायत में चंद्रशेखर, सूरसागर तिवारी, छोटकू, रामानुज और ज्ञान दास के खेतों में व्यक्तिगत पोखरी की खुदाई कागजों में दर्शाई गई है। हालांकि, धरातल पर इन पोखरों का कोई काम नहीं हुआ है और इसके लिए भी पैसे का भुगतान कर लिया गया है। इन गंभीर आरोपों के बावजूद, अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। शिकायतकर्ता ने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। वही इस आरोपों में ब्लॉक के अधिकारी भी शामिल है। लेकिन मौके पर जांच करने खंड विकास अधिकारी राजेश श्रीवास्तव, एडीओ पंचायत संजय कुमार गए थे। अब यह दोनों के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है तो यह दोनों से क्यों जांच कराई जा रही है। बीडीओ राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शिकायती पत्र पर उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जांच करने गए थे, जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है।
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