खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA), बाराबंकी ने भुने चने और अन्य खाद्य उत्पादों में औद्योगिक केमिकल (औरामाइन) के उपयोग के खिलाफ एक विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया है। यह अभियान सहायक आयुक्त (खाद्य)-II डॉ. शैलेन्द्र प्रताप सिंह के निर्देशों पर चलाया गया। अभियान के दौरान, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने भुने चने का निरीक्षण किया और विभिन्न प्रतिष्ठानों से नमूने एकत्र किए। बाराबंकी शहर स्थित मेसर्स सत्यम इंटरप्राइजेज, गल्ला मंडी से भुने चने का एक नमूना लिया गया। इसके अतिरिक्त, बेगमगंज क्षेत्र से एक और अन्य प्रतिष्ठानों से भुने चने के दो नमूने संग्रहित किए गए। टीम ने एक अंडा उत्पादक फैक्ट्री का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, फैक्ट्री कर्मचारियों को अंडों को खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप निर्धारित तापमान पर सुरक्षित रूप से भंडारित करने के कड़े निर्देश दिए गए। भंडारण व्यवस्था की जांच की गई और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए। इस अभियान के तहत, आम जनता और खाद्य कारोबारकर्ताओं को आर्टिफिशियल रंग और औरामाइन जैसे औद्योगिक केमिकल्स के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया गया। बताया गया कि ये केमिकल्स कपड़ों को रंगने में इस्तेमाल होते हैं और इनके सेवन से लिवर, किडनी को गंभीर नुकसान हो सकता है, साथ ही कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। घरेलू पहचान के लिए यह जानकारी दी गई कि केमिकल युक्त भुना चना असामान्य रूप से अधिक चमकीला होता है और उसमें केमिकल्स की तीव्र गंध आती है। निरीक्षण के दौरान जिन प्रतिष्ठानों पर साफ-सफाई और अन्य कमियां पाई गईं, उन्हें सुधार सूचनाएं जारी की गईं। अंडा उत्पादकों, विनिर्माताओं, विक्रेताओं और आम जनमानस को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के तहत साफ-सफाई, रख-रखाव, पैकेजिंग और लेबलिंग के निर्धारित मानकों के प्रति भी जागरूक किया गया।
https://ift.tt/HrBOC3w
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply