चिनहट क्षेत्र के लौलई में भास्करेश्वर महादेव की स्थापना के उपलक्ष्य में शिव महापुराण कथा चल रही हैं।भास्कर प्रज्ञान मिशन ट्रस्ट की ओर से शुक्रवार को चौथे दिन कराई गईं। कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। कथा पंडाल ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष से गूंजता उठा और वातावरण पूरी तरह शिवमय हो गया। कथा व्यास स्वामी भास्करानंद सरस्वती महाराज ने शिव महापुराण के चौथे दिन के प्रसंग में भगवान शिव की महिमा, उनकी करुणा और भक्तों पर अनुकंपा का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि शिव केवल देवों के देव नहीं, बल्कि सहज और सरल भाव से पूजे जाने वाले लोक कल्याणकारी भगवान हैं। सच्चे मन से किया गया शिव स्मरण जीवन के सभी कष्टों को हर लेता है। शिव भक्ति से मनुष्य के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है स्वामी भास्करानंद सरस्वती महाराज ने शिव–पार्वती विवाह प्रसंग, पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ के महत्व तथा भक्ति, वैराग्य और संयम के संदेश को कथा के माध्यम से सरल शब्दों में समझाया। उन्होंने बताया कि भगवान शिव का जीवन मानव को त्याग, समता और करुणा का मार्ग दिखाता है। शिव भक्ति से मनुष्य के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में संतुलन बना रहता है। कथा के दौरान भजनों और मंत्रोच्चार से श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। अनेक भक्तों ने कथा श्रवण के साथ रुद्राक्ष धारण और शिव नाम स्मरण का संकल्प लिया। आयोजन समिति ने बताया कि शिव महापुराण कथा के आगामी दिनों में भी विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा।कार्यक्रम के अंत में आरती और प्रसाद वितरण किया गया।
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