यूपी में हुए Special Intensive Revision यानी SIR अभियान में 4 करोड़ वोट कटने से भाजपा में बैचेनी बढ़ गई है। सीएम योगी ने भाजपा नेताओं को निर्देश दिए है कि BLA सभी BLO के साथ घर-घर जाकर जो वोटर नहीं मिले है उन्हें ढूंढकर उनका नाम SIR में जुड़वाने का काम करे। अकेले बरेली में ही 7 लाख 30 हजार वोटर अपात्र मिले है। जिस पर भाजपा नेता परेशान है। भाजपा के BLA और वरिष्ठ पार्षद छंगामल मौर्य और पार्षद अजय रत्नाकर काफी परेशान है। परेशान भाजपा पार्षद बोले- सरकार ने जल्दबाजी में कराया SIR
भाजपा के BLA और वरिष्ठ पार्षद छंगामल मौर्य का कहना है कि पहले भी SIR हुए है। तब सरकार मीडिया का जरिए प्रचार प्रसार करती थी। लेकिन इस बार जल्दबाजी में SIR करवाया गया जिससे बड़ी संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से कट गए है। उनका कहना है कि हर वार्ड से कम से कम 20 प्रतिशत वोट कट गए है। BLA और BLO मिलकर कर रहे प्रपत्रों की जांच
भाजपा पार्षद को अपनी चिंता भी सता रही है। क्योंकि निकाय चुनाव में उनको भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जिस वजह से वो लगातार BLO के साथ बैठकर वोटर लिस्ट की जांच कर रहे है। BLA और BLO दोनों ही वोटर लिस्ट में लिखे मोबाइल नंबर पर कॉल करके लोगों को SIR की जानकारी दे रहे है।
भाजपा पार्षद अजय रत्नाकर ने भी कहा कि हम लोग अब जो अपात्र वोटर बताए जा रहे है उनसे संपर्क करने में लगे हुए है। डुप्लीकेट, मृतक और शिफ्ट हो चुके लोगो के वोट कटे
वही BLO का कहना है कि SIR के दौरान बहुत सारे ऐसे वोटर लिए गए। जिनके नाम दो तीन जगहों पर थे। बहुत सारे ऐसे वोटर लिस्ट में नाम थे जिनकी 20 साल पहले मौत हो चुकी है। बहुत से ऐसे लोग है जो गांव से आकर शहर में बसे है। उन लोगों के नाम शहर और गांव दोनों जगहों पर वोटर लिस्ट में थे। उन लोगों ने भी शहर से अपना नाम वोटर लिस्ट से इसलिए कटवा दिया क्योंकि अब पंचायत चुनाव होने वाले है। बरेली मंडल में SIR का चौंकाने वाला सच, 96 लाख में 20 लाख वोटर अपात्र
बरेली मंडल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR ने चुनावी सिस्टम की जड़ों को हिलाकर रख दिया है। चार जिलों के 25 विधानसभा क्षेत्रों में फैले 96 लाख से ज्यादा मतदाताओं में से करीब 20 लाख नाम ऐसे निकले हैं, जो या तो अपात्र हैं, फर्जी हैं या फिर 2003 की मतदाता सूची से उनका कोई लिंक ही नहीं मिल पाया। सबसे हैरान करने वाला आंकड़ा बरेली कैंट विधानसभा से सामने आया है, जहां कुल मतदाताओं का करीब 36 फीसदी हिस्सा अपात्र पाया गया है। यही वजह है कि पूरे मंडल में बरेली कैंट विधानसभा चर्चा के केंद्र में है। आंकड़े इतने बड़े हैं कि अमूमन इतने वोटों के दम पर प्रत्याशी विधायक बन जाता है। मंडलायुक्त ने इन आंकड़ों पर हैरानी जताते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। चार जिलों में SIR, 12 लाख वोटर 2003 की सूची से भी नहीं जुड़े
बरेली मंडल के चारों जिलों बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर की 25 विधानसभा सीटों पर कुल 96 लाख मतदाता दर्ज हैं। SIR के दौरान इनमें से करीब 20 लाख मतदाता अपात्र पाए गए। इसके अलावा 12.13 लाख ऐसे मतदाता हैं, जिनकी मैपिंग वर्ष 2003 की मतदाता सूची से नहीं हो पाई है। निर्वाचन आयोग की नजर में यह स्थिति बेहद गंभीर मानी जा रही है। मंडल स्तर पर सबसे ज्यादा अपात्र मतदाता बरेली कैंट, बरेली शहर और शाहजहांपुर नगर विधानसभा में सामने आए हैं। कैंट विधानसभा में सबसे ज्यादा गड़बड़ी, 36 फीसदी वोटर अपात्र
बरेली कैंट विधानसभा क्षेत्र में कुल 3.83 लाख मतदाता दर्ज हैं। SIR में इनमें से 1.38 लाख मतदाता अपात्र पाए गए। यह कुल मतदाताओं का लगभग 36 फीसदी है, जो पूरे मंडल में सबसे ज्यादा है। कैंट विधानसभा में सामने आए आंकड़े और भी चौंकाते हैं। यहां 16,959 मतदाता मृतक पाए गए हैं। 62 हजार वोटर ऐसे हैं, जो बूथ क्षेत्र में अनुपस्थित मिले। करीब 44 हजार मतदाता दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। वहीं 8,488 मतदाता ऐसे मिले, जिनके नाम दो-दो बूथों पर दर्ज हैं। बरेली शहर विधानसभा, हर तीसरा वोटर सूची से बाहर
बरेली शहर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 4.78 लाख है। SIR में यहां 35.89 फीसदी यानी करीब 1.68 लाख वोटर अपात्र पाए गए हैं। इनमें 19 हजार मतदाता मृतक हैं। बड़ी संख्या में वोटर ऐसे हैं, जो बूथ क्षेत्र में अनुपस्थित मिले। करीब 51 हजार मतदाता दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। शहर विधानसभा के आंकड़े भी प्रशासन के लिए बड़ी चेतावनी माने जा रहे हैं। शाहजहांपुर नगर विधानसभा में भी गंभीर स्थिति
शाहजहांपुर जिले की नगर विधानसभा सीट पर कुल 4.36 लाख मतदाता दर्ज हैं। SIR में यहां 1.47 लाख मतदाता अपात्र पाए गए हैं। प्रतिशत के लिहाज से यह आंकड़ा 33.84 फीसदी बैठता है। यह सीट भी मंडल की टॉप तीन समस्या वाली विधानसभा में शामिल हो गई है। बरेली जिले में 34 लाख वोटरों में 7.30 लाख नाम दोषपूर्ण
बरेली जिले में SIR का शत-प्रतिशत काम जिला प्रशासन ने तय समय के भीतर पूरा कर लिया है। जिले में कुल 34 लाख मतदाता दर्ज हैं। इनमें से 7 लाख 30 हजार 436 मतदाता दोषपूर्ण यानी अपात्र पाए गए हैं। इन अपात्र मतदाताओं में 1 लाख 14 हजार 435 मृतकों के नाम शामिल हैं। 2.51 लाख वोटर ऐसे हैं, जो अपने बूथ क्षेत्र में अनुपस्थित मिले। 2.93 लाख मतदाता दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। वहीं 57,236 मतदाता ऐसे हैं, जिनके नाम दूसरे बूथ पर भी दर्ज पाए गए। इस तरह बरेली जिले में कुल मतदाताओं का 21.45 फीसदी हिस्सा अपात्र पाया गया है। डीएम बोले, अब अपात्रों का दोबारा सत्यापन होगा
डीएम अविनाश सिंह ने बताया कि पहले SIR के लिए चार दिसंबर तक का समय दिया गया था। बाद में निर्वाचन आयोग ने इसे बढ़ाकर 11 दिसंबर किया और फिर अंतिम रूप से 26 दिसंबर तक का समय दे दिया गया है। डीएम ने साफ कहा कि अब अपात्र पाए गए मतदाताओं का दोबारा सत्यापन कराया जाएगा। किसी भी नाम को मतदाता सूची से हटाने से पहले दावा-आपत्ति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। 78.55 प्रतिशत गणना प्रपत्र डिजिटाइज
उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि SIR के बाद 78.55 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर डिजिटाइज कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 3,499 बीएलओ और 359 सुपरवाइजर लगाए गए थे। जिले के कुल 34 लाख मतदाताओं में 18.19 लाख पुरुष, 15.86 लाख महिला और 94 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। अब आगे क्या होगा, राजनीतिक दलों की बढ़ेगी भूमिका
उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि 26 दिसंबर तक का समय मिलने के बाद अब सुधार की प्रक्रिया तेज की जाएगी। शुक्रवार और शनिवार को बीएलओ हर बूथ पर राजनीतिक दलों के बीएलए के साथ बैठक करेंगे। जो मतदाता अपात्र घोषित किए गए हैं, उनकी सूची बीएलए को दी जाएगी। यदि किसी नाम को बीएलए पात्र बताते हैं, तो उसका मौके पर सत्यापन कराया जाएगा। पात्र पाए जाने पर गणना प्रपत्र भरवाया जाएगा। वर्ष 2003 की सूची से जिन 12 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो पाई है, उन पर भी विशेष फोकस किया जाएगा। जहां बड़ी संख्या में नाम कटने की स्थिति बनेगी, वहां जिला स्तरीय अधिकारी खुद सत्यापन कराएंगे। चुनावी सिस्टम के लिए चेतावनी
बरेली मंडल में SIR के आंकड़े सिर्फ प्रशासन ही नहीं, बल्कि पूरे चुनावी सिस्टम के लिए चेतावनी माने जा रहे हैं। कैंट विधानसभा से लेकर शहर और नगर सीटों तक हर तीसरा वोटर अगर अपात्र निकल रहा है, तो यह सवाल उठना लाजमी है कि अब तक चुनाव किन आंकड़ों के सहारे लड़े जाते रहे। अब 26 दिसंबर तक की प्रक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि इसी से तय होगा कि मतदाता सूची कितनी साफ और भरोसेमंद बन पाती है। बरेली की 9 विधानसभा सीटों में कहां कितने अपात्र वोटर
एसआईआर के दौरान बरेली जिले की सभी 9 विधानसभा सीटों पर वोटर लिस्ट की गहन जांच की गई। आंकड़ों से साफ है कि जिले की हर सीट पर बड़ी संख्या में मतदाता अपात्र पाए गए हैं। सबसे ज्यादा गड़बड़ी बरेली कैंट विधानसभा में सामने आई, जहां कुल मतदाताओं का 36 फीसदी हिस्सा अपात्र निकला। इसके बाद बरेली विधानसभा में 35.89 फीसदी और बिथरी चैनपुर में करीब 18.87 फीसदी वोटर अपात्र पाए गए। वहीं फरीदपुर, बहेड़ी, मीरगंज, भोजीपुरा, नवाबगंज और आंवला विधानसभा में भी 13 से 20 फीसदी तक मतदाताओं के नाम दोषपूर्ण मिले हैं। प्रशासन के मुताबिक, इनमें मृतक, स्थानांतरित, अनुपस्थित और दोहरे मतदाता शामिल हैं। इन आंकड़ों ने जिले की चुनावी तस्वीर को पूरी तरह बदलकर रख दिया है। बरेली जिले की 9 विधानसभा सीटें, SIR में सामने आए आंकड़े बहेड़ी विधानसभा
कुल मतदाता 3 लाख 75 हजार 118
अपात्र मतदाता लगभग 16.13 प्रतिशत मीरगंज विधानसभा
कुल मतदाता 3 लाख 51 हजार 470
अपात्र मतदाता करीब 13.85 प्रतिशत भोजीपुरा विधानसभा
कुल मतदाता लगभग 3 लाख 95 हजार 649
अपात्र मतदाता करीब 16.63 प्रतिशत नवाबगंज विधानसभा
कुल मतदाता 3 लाख 46 हजार 729
अपात्र मतदाता लगभग 14.21 प्रतिशत फरीदपुर विधानसभा
कुल मतदाता करीब 3 लाख 44 हजार 698
अपात्र मतदाता लगभग 20.42 प्रतिशत बिथरी चैनपुर विधानसभा
कुल मतदाता 4 लाख 15 हजार 979
अपात्र मतदाता करीब 18.87 प्रतिशत बरेली विधानसभा
कुल मतदाता 4 लाख 68 हजार 714
अपात्र मतदाता लगभग 35.89 प्रतिशत बरेली कैंट विधानसभा
कुल मतदाता करीब 3 लाख 82 हजार 903
अपात्र मतदाता लगभग 36.00 प्रतिशत
जिले में सबसे ज्यादा अपात्र वोटर इसी विधानसभा में पाए गए आंवला विधानसभा
कुल मतदाता लगभग 3 लाख 24 हजार 560
अपात्र मतदाता करीब 14.79 प्रतिशत
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