बुलंदशहर में शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर धरना-प्रदर्शन किया। भाकियू जिलाध्यक्ष अरब सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नौ सूत्रीय मांगों को तत्काल पूरा करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी थी। किसानों ने कहा कि कानूनी सुरक्षा के बिना वे बाजार की मनमानी का शिकार होते रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। भाकियू टिकैत ने बिजली विभाग के निजीकरण के प्रयासों का भी विरोध किया। किसानों ने चेतावनी दी कि निजीकरण से बिजली दरें बढ़ेंगी और ग्रामीण क्षेत्रों के किसान आर्थिक दबाव में आ जाएंगे। इसके अतिरिक्त, किसानों ने कर्ज माफी, पशु हानि पर उचित मुआवजा, गन्ना मूल्य में वृद्धि, समय पर भुगतान और राष्ट्रीय स्तर पर किसान आयोग के गठन सहित अन्य मुद्दों पर भी अपनी मांगें रखीं। किसानों की नौ सूत्रीय मांगों में एमएसपी पर कानूनी गारंटी, बिजली निजीकरण पर रोक, किसानों के पुराने कर्जों की माफी, समय पर फसल खरीद व भुगतान, गन्ना मूल्य में वृद्धि, जानवरों से फसल नुकसान पर मुआवजा, डीजल-पेट्रोल पर टैक्स में कमी, किसान आयोग का गठन और खेती में उपयोग होने वाली सामग्री पर जीएसटी में राहत शामिल थीं। सुबह से ही जिले के विभिन्न गांवों से किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली और बाइक से कलेक्ट्रेट पहुंचना शुरू हो गए थे। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। भाकियू नेताओं ने प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे आगे बड़े आंदोलन की रणनीति बनाएंगे।
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