भदोही में ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक के कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) का नाम बदलकर विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G बिल-2025) किए जाने का विरोध किया। शुक्रवार को जनपद के विभिन्न स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने इस नए बिल की प्रतियां जलाईं और जमकर नारेबाजी की। पार्टी के जिलाध्यक्ष सुशील कुमार और जिला महासचिव रामजीत यादव के नेतृत्व में मकदूमपुर गांव में बिल की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी तरह, केशव प्रसाद विश्वकर्मा के नेतृत्व में सवरपुर गांव में, रामगेना देवी के नेतृत्व में उमरी गांव में, तथा लक्ष्मण वनवासी व शेवर वनवासी के नेतृत्व में मल्हीपुर गांव में कार्यकर्ताओं ने बिल की प्रतियां आग के हवाले कर अपना विरोध जताया। जिलाध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने कहा कि भाजपा सरकार में कोई विकास कार्य नहीं हो रहा है, बल्कि सरकार केवल शहरों, जिलों और अब सरकारी योजनाओं के नाम बदल रही है। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कानून कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना थी। जिसका नाम अब भाजपा सरकार बदल रही है। श्री श्रीवास्तव ने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कानून को खत्म कर विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) को लोकसभा और राज्यसभा में पारित करके खेत मजदूर विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन किया है। यह नया कानून रोजगार गारंटी को खत्म कर जमींदार और पूंजीपति वर्ग को फायदा पहुंचाएगा। जिला महासचिव रामजीत यादव ने मांग की कि मनरेगा में मजदूरों के लिए काम की गारंटी 300 दिनों की होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि महंगाई को देखते हुए मजदूरों को प्रतिदिन 500 रुपए के हिसाब से मजदूरी दी जानी चाहिए।
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