भदोही कोर्ट ने दो नाबालिग बच्चों की हत्या के दोषी कीर्ति उर्फ लक्ष्मण को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर ₹30,000 का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह फैसला “ऑपरेशन कन्विक्शन” अभियान के तहत त्वरित और अधिकतम दंडात्मक कार्रवाई के उद्देश्य से आया है। घटना 4 जुलाई 2024 को सुबह 9:30 बजे की है। वादी विनय कुमार दीक्षित ने भदोही पुलिस को सूचना दी थी कि उनके घर के पीछे सुरेश यादव के ईंट भट्ठे पर दो बच्चों के शव पड़े हैं, जिनकी उम्र लगभग 4-6 वर्ष थी। इस सूचना के आधार पर उसी दिन दोपहर 1:32 बजे भदोही थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। विवेचना के दौरान कीर्ति उर्फ लक्ष्मण का नाम सामने आया। पर्याप्त साक्ष्य संकलन के बाद, उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) और 238 के तहत आरोप पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, भदोही के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश लखनऊ के आदेश और पुलिस अधीक्षक भदोही अभिमन्यु मांगलिक के निर्देशन में “ऑपरेशन कन्विक्शन” अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत, स्थानीय पुलिस, मॉनिटरिंग सेल और एडीजीसी प्रवेश तिवारी की प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरूप, 9 दिसंबर 2025 को यह फैसला आया। अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या-1, भदोही की न्यायाधीश पुष्पा सिंह ने कीर्ति उर्फ लक्ष्मण पुत्र श्यामलाल को विशाल और सुदामा नाम के दो नाबालिगों की हत्या का दोषी पाया। उसे आजीवन सश्रम कारावास और ₹30,000 के अर्थदंड से दंडित किया गया। यदि दोषी अर्थदंड का भुगतान नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त 6 माह का कारावास भुगतना होगा।
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