ब्राह्मण विधायकों का कुशीनगर विधायक पंचानंद पाठक के आवास एकत्र होना प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ा दिया है ग्रामीण क्षेत्र से लेकर के शहर तक के चौक चौराहों पर इसी की चर्चाएं हो रही है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने इस पर नाराजगी जताते हुए विधायकों को नोटिस जारी की है। इसके विरोध में अयोध्या के चर्चित समाजसेवी राजन पाण्डेय ने प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान का विरोध किया है। राजन पाण्डेय ने इस जुटान को ‘बहुत शुभ संकेत’ बताया। उन्होंने कहा कि किसी का ‘तोता’ बनकर काम करने से अच्छा है कि विधायक स्वतंत्र रूप से कार्य करें। समाजसेवी ने विधायकों के इस कदम को ‘बहुत अच्छा’ बताते हुए कहा कि यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था। पाण्डेय ने तर्क दिया कि जनता ने विधायकों को इसलिए नहीं चुना है कि वे पार्टी या प्रदेश अध्यक्ष के ‘तोता’ बनकर केवल उनके निर्देशों का पालन करें। उन्होंने जोर दिया कि विधायक स्वतंत्र हैं और यदि वे बैठक कर रहे हैं या साथ भोजन कर रहे हैं, तो किसी को आपत्ति क्यों होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि विधायकों ने एक साथ बैठकर क्या गलत किया, जबकि उन्होंने किसी के खिलाफ कुछ नहीं कहा। समाजसेवी ने बताया कि विधायकों का यह कार्यक्रम साथ भोजन (बाटी चोखा) करने और एक-दूसरे से मिलने का था। इस दौरान समाज में व्याप्त समस्याओं और ब्राह्मण समाज के साथ हो रहे गलत व्यवहार पर भी चर्चा हुई। राजन पाण्डेय ने यह भी कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने जितना कहा है, क्या विधायक उतना ही करेंगे? उन्होंने कहा कि विधायक कोई बंधुआ मजदूर नहीं हैं।
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