देवरिया में ब्रह्मर्षि वेलफेयर एसोसिएशन ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर से जुड़े हालिया घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त की है। संगठन ने बुधवार को राज्यपाल के नाम जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें पूरे मामले की निष्पक्ष, स्वतंत्र और उच्चस्तरीय जांच की मांग की गई। एसोसिएशन का कहना है कि अमिताभ ठाकुर को एक ईमानदार, निर्भीक और जनहित के मुद्दों को मजबूती से उठाने वाले अधिकारी के रूप में जाना जाता रहा है। भ्रष्टाचार, सत्ता के दुरुपयोग और प्रशासनिक अनियमितताओं के विरुद्ध उनकी भूमिका को समाज में व्यापक सम्मान मिला है। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि उनके विरुद्ध की गई हालिया कार्रवाई से समाज के विभिन्न वर्गों में असंतोष और आशंका का माहौल बना है। गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. महेंद्र राय ने इस मामले को गंभीर बताया। डॉ. राय ने कहा कि इसमें एक पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के साथ कथित अमर्यादित व्यवहार की चर्चाएं सामने आई हैं। इससे पूरे प्रकरण की निष्पक्षता और न्यायपूर्ण प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी नागरिक या अधिकारी को कानून के तहत जांच का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, यह प्रक्रिया पूर्वाग्रह-रहित, पारदर्शी और मानवीय गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए। संगठन ने जोर दिया कि असहमति या आलोचना को दमन का आधार बनाना संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। वर्तमान में अमिताभ ठाकुर देवरिया जिला कारागार में निरुद्ध हैं। एसोसिएशन ने अपेक्षा की है कि उनके साथ किसी भी प्रकार का अमर्यादित व्यवहार न हो। संगठन ने मानवाधिकारों और जेल मैनुअल के सभी प्रावधानों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करने की मांग की। साथ ही, यह भी मांग की गई कि जांच पूरी होने तक किसी भी प्रकार की अनावश्यक या प्रतिशोधात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। ज्ञापन सौंपते समय जिला अध्यक्ष राम इकबाल राय, नन्हे राय, सुरेश शर्मा, राजेश राय, शिवम राय, नरेंद्र राय, लालबाबू राय और रविशंकर राय सहित कई अन्य सदस्य उपस्थित थे।
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