83 वर्षीय रिटायर्ड सूबेदार भूदेव शर्मा आज उस दर्द से गुजर रहे है, जहां एक बॉर्डर सैनिक अपने ही शहर में भूमाफियाओं का शिकार बन रहा है। सूबेदार भूदेव ने कहा- “आधी जिंदगी देश की सीमाओं पर देश की सेवा में गुजार दी, अब जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर अपने ही हक़ के लिए दर-दर भटक रहा हूं।” बरेली के करगैना में रहने वाले रिटायर्ड सूबेदार ने तीन युद्ध लड़े, दुश्मनों की गोलियां झेली, पर कभी सोचा नहीं था कि अपने ही घर की जमीन बचाने के लिए उन्हें ऐसे संघर्ष से गुजरना पड़ेगा। जमीन पर कब्जा, तीन झूठे मुकदमे और दो जानलेवा हमले
सूबेदार भूदेव शर्मा की जमीन पर कब्जे की कोशिश इतनी सुनियोजित थी कि पहले उनके खिलाफ तीन झूठी FIR करवाई गईं। जब इससे बात नहीं बनी तो उन पर जानलेवा हमले करवाए गए। पहले उन्हें गोली मारी गई-कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। जब ठीक होकर लौटे तो दुबारा हमला हुआ और उन्हें गाड़ी से कुचलने की कोशिश की गई। 1. SC/ST एक्ट का मुकदमा
सूबेदार, कृष्ण गोपाल और वाचस्पति शर्मा पर झूठी FIR दर्ज कराई गई। विवेचना में सूबेदार और कृष्ण गोपाल पूरी तरह निर्दोष पाए गए और FIR से निकाल दिए गए।
केवल वाचस्पति शर्मा का नाम कोर्ट में विचाराधीन है। 2. नई FIR थाना कोतवाली
जमीन को लेकर फिर दबाव बनाने के लिए सुमित भारद्वाज ने 11 अप्रैल 2024 को एक और मामला दर्ज करा दिया। ये विवेचना में लंबित है। तीसरी एफआईआर थाना सुभाषनगर में करवाई सूबेदार का कहना है कि सिविल और चकबंदी के पुराने केसों को छुपाकर भूमाफियाओं ने उन पर एक और झूठी FIR दर्ज करा दी। यह मामला वर्तमान में इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है। धारा 145 का वाद-खारिज
ऋषि गुप्ता की ओर से चलाया गया धारा 145 का केस उप-जिला मजिस्ट्रेट सदर द्वारा पहले ही खारिज किया जा चुका है। सूबेदार की जमीन पर दो बैनामे 23 अगस्त 2024 को गुरकीरत और उनके साथियों ने सूबेदार की जमीन के 331.342 वर्ग मीटर और 247.954 वर्ग मीटर के दो बैनामे ऋषि गुप्ता और उनकी पत्नी रुवी गुप्ता के नाम कर दिए।
इसके बाद 14 दिसंबर 2024 को कब्जा करने के लिए एक बड़ा गैंग मौके पर आया। भूदेव शर्मा ने बताया कि “फर्जी नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल और होमगार्ड बनाकर 40–50 लोग हथियारों के साथ आए। उनके साथ JCB भी थी। अगर मैंने 112 पर कॉल न किया होता तो गोलीकांड तय था।”
पुलिस मौके पर पहुंची, कब्जा नहीं होने दिया, लेकिन आरोपियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। चकबंदी आदेश भी एकतरफा – निगरानी वाद लंबित
सूबेदार ने बताया कि संजीव खंडेलवाल ने चकबंदी विभाग में एक मुकदमा दायर किया जिसमें आरोप लगाया गया कि खसरा–खतौनी में दर्ज नाम फर्जी हैं।
मुझे और मेरे बेटों को पक्षकार भी नहीं बनाया गया और उनके विरुद्ध एकतरफा आदेश पास करा लिया गया। यह आदेश उप संचालक चकबंदी बरेली में चुनौती दी गई है, मामला विचाराधीन है। सिविल जज सीनियर डिवीजन में भी वाद लंबित है। अमीन की रिपोर्ट कोर्ट में पेश हो चुकी है। सूबेदार बोले- 20–25 प्रार्थनापत्र देने के बाद भी कार्रवाई नहीं भूदेव शर्मा का आरोप है कि यह पूरा गिरोह झूठी FIR दर्ज कराकर लोगों पर दबाव डालता है और फिर जमीन पर कब्जा कर लेता है।
उन्होंने कहा- “मैंने अब तक 20–25 शिकायतें कीं, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी वजह से इनके हौसले बढ़ते जा रहे हैं। मैं बस न्याय चाहता हूं।” सूबेदार भूदेव शर्मा ने 3 बार मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की लेकिन उन्हें आज तक न्याय नहीं मिला। थक हारकर सोमवार को वो एसपी सिटी मानुष पारीक के ऑफिस पहुंचे और उन्हें प्रार्थना पत्र दिया। सूबेदार ने कहा कि एसपी सिटी से उन्हें काफी उम्मीदें है क्योंकि वो पहले एक बड़े जमीन घोटाले का खुलासा कर चुके है। उसमें उन्होंने लेखपाल समेत कई भूमाफियाओं को जेल भेजा था। इसलिए मुझे भी वो इंसाफ जरूर दिलाएंगे। एसपी सिटी बोले निष्पक्ष कार्रवाई होगी
एसपी सिटी मानुष पारीक का कहना है कि भूदेव शर्मा हमारे पास आए थे। उन्होंने एक प्रार्थना पत्र दिया है। हमने सीओ सिटी को जांच कर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा मामले में निष्पक्ष कार्यवाही होगी। जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जायेगा।
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