बेल्थरा रोड में शुक्रवार को आयुष यादव की तेरहवीं संपन्न हुई। इस अवसर पर पूरे गांव और क्षेत्र में शोक का माहौल रहा। कड़ाके की ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में परिजन और ग्रामीण उपस्थित थे। यह आयोजन केवल एक परिवार के दुख को नहीं दर्शा रहा था, बल्कि बेल्थरा रोड क्षेत्र द्वारा इस वर्ष झेली गई त्रासदियों की यादें भी ताजा कर गया। आयुष यादव की हत्या 13 दिसंबर की देर शाम हुई थी। नकाबपोश बदमाशों ने उसके घर से कुछ ही दूरी पर गोली मारकर उसकी जान ले ली थी। इस घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया था और क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ा दी थीं। इस वर्ष बेल्थरा रोड क्षेत्र के लिए कई दुखद घटनाएं सामने आई हैं। 3 जनवरी को नैनीताल से लौट रहे अमित गुप्ता उर्फ धन जी और मनीष की पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। इसके बाद, 17 जनवरी को ‘धरती पुत्र’ सीरियल से पहचान बनाने वाले अभिनेता अमन जायसवाल की मुंबई में एक सड़क हादसे में असामयिक मृत्यु हो गई, जिससे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। इसी क्रम में, 16 सितंबर को शिक्षक देवेंद्र यादव की दिनदहाड़े लूट के बाद हत्या कर दी गई थी। यह घटना स्कूल से घर लौटते समय हुई थी और इसने कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े किए थे। 5 अक्टूबर को सोनाडीह निवासी सेना के जवान अनूप यादव की सिलीगुड़ी में हुई सड़क दुर्घटना में मृत्यु ने भी क्षेत्र को गहरा आघात पहुंचाया। आयुष की तेरहवीं के दौरान उसके करीबी दोस्त मंटू कुमार की मृत्यु की भी चर्चा रही। मऊ जिले में पिटाई के बाद लखनऊ में इलाज के दौरान 17 दिसंबर को मंटू कुमार का निधन हो गया था। एक ही साल में हुई इन घटनाओं ने बेल्थरा रोड को भय और अनिश्चितता के साए में खड़ा कर दिया है। आयुष यादव की तेरहवीं अब केवल एक रस्म नहीं, बल्कि सिस्टम से जवाब मांगने वाला मौन सवाल बन गई है—क्या आने वाला साल इस दर्द पर मरहम रख पाएगा।
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