गोविंद नगर में तीन दिन से घर नहीं पहुंचे बेटे को बुलाने जा रहे लकवाग्रस्त पिता को तेज रफ्तार कार ने टक्कर मार दी। बड़े बेटे ने बताया कि पिता छोटे भाई को खाना खाने के लिए बुलाने के लिए करीब 500 मीटर दूरी तक पैदल घिसटते हुए पैदल जा रहे थे। हादसे की जानकारी पर परिजन मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक कार सवार फरार हो गए। जानकारी पर पहुंची गोविंद नगर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। 8 माह से लकवाग्रस्त थे धर्मेंद्र नगर सीटीआई निवासी राजेश (46) राजमिस्त्री का काम करते थे। 8 माह से लकवाग्रस्त होने के कारण वह घर पर ही रह रहे थे। परिवार में पत्नी दिव्या व तीन बच्चे, अंकित, विवेक, महिमा है। मंझला बेटा विवेक घर से करीब 500 मीटर दूरी पर स्थित सीटीआई शराब ठेके की कैंटीन में काम करता था। विवेक 3 दिन से कैंटीन में रुक कर काम कर रहा था। तीन दिन से घर न पहुंचने पर राजेश परिजनों से उसे घर लाने की बात कह रहे थे। अनसुना करने पर बेटे की एक झलक पाने और उसे खाना खिलाने के लिए पिता परिजनों को बिना बताए गुरुवार को घर से निकल पड़े। वह पैदल घिसटते हुए सीटीआई के पास पहुंचे थे, तभी तेज रफ्तार कार ने उनको रौंद दिया। हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। गुरुवार दोपहर घर से निकले थे बड़े बेटे अंकित ने बताया कि गुरुवार दोपहर काफी देर तक घर न लौटने पर खोजबीन शुरू की। फिर कैंटीन की ओर जाकर पता लगाने का प्रयास किया तो सीटीआई चौराहे के पास भीड़ लगी हुई थी। जाकर देखा तो राजेश का लहुलूहान शव पड़ा हुआ था। घटना की जानकारी पर गोविंद नगर पुलिस मौके पर पहुंची। बड़े बेटे अंकित ने बताया कि शराब कैंटीन में ज्यादा काम होने के कारण छोटा भाई 3 दिनों से घर नहीं आया था, वह वहीं पर सो जाता था। घर न आने से पिता परेशान थे, वह सोच रहे थे कि उसने खाना नहीं खाया। जिस पर उसे बुलाने के लिए घर जा रहे थे। मामले में गोविंद नगर इंस्पेक्टर रिकेश कुमार सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, वाहन का पता लगाया जा रहा है।
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