”मुझे उस समय छोड़ कर चला गया जब उसका अंश मेरे पेट में पल रहा था। जब मुझे सबसे ज्यादा उसकी जरूरत थी। मेरे आगे-पीछे कोई नहीं था। दर्द से तड़प रही थी तब अनजान लोगों ने मेरी मदद की। बीच मझधार में छोड़ कर चला गया। अब तो सब कुछ ठीक है। मेरा बेटा सही सलामत इस दुनिया में आ गया है। ऊपर वाले की दया से मैं भी ठीक हूं। अब उसे मैं अकेले ही पाल लूंगी। बाप का साया तक उस पर पड़ने नहीं दूंगी। वह सिर्फ मां के नाम से जाना जाएगा, उसे बाप का नाम जिंदगी में कभी नहीं दूंगी। बड़ा होकर जब पूछेगा तो बोलूंगी कि तेरे जन्म से पहले ही मर गया तेरा बाप।” यह कहना है, फातिमा (बदला हुआ नाम ) का। फातिमा और उनका नवजात बच्चा इस वक्त गोरखपुर महिला अस्पताल में भर्ती हैं। सोमवार को जब उसने बेटे को जन्म दिया, उस समय वह अपने पति की बेवफाई को भूल नहीं पा रही थी और गुस्से में बेटे को अपनाने से मना कर दिया। गुस्सा इतना ज्यादा था कि अपने बेटे का चेहरा तक नहीं देखना चाहती थी। लेकिन अस्पताल प्रशासन के समझाने के बाद उनकी ममता जागी और वह फिर बेटे को सीने से लगा ली। अब कहती है कि मेरा बेटा मेरी दुनिया है। उसे देखकर एक बार फिर जीने की उम्मीद जगी है। पहले फातिमा को यह डर सताता रहा कि अकेले कैसे परविश करुंगी। अब इतनी हिम्मत दिखा रही कि कहती है कि बेटे पर बाप का साया कभी भी पड़ने नहीं दूंगी। कुछ भी करके उसे पाल लूंगी लेकिन बाप का नाम नहीं दूंगी। अब मुझे और बेटे को किसी की जरूरत नहीं। उसे हर खुशी दूंगी। इतना प्यार करूंगी कि कभी बाप की कमी महसूस ही नहीं होगी। यह कहते हुए वह भावुक हो गयी। 4 घंटे ट्रेन में तड़पी
फातिमा ने बताया- ट्रेन के अंदर करीब 4 घंटे मैं दर्द से तड़पी। मेरे आगे- पीछे मेरा अपना कोई नहीं था। अनजान लोगों ने मदद मेरी मदद की। रास्ते में ही करीब 8 बजे से मुझे दर्द शुरू हो गया। करीब 11 बजे अस्पताल पहुंचाया गया। यहां डॉक्टरों के इलाज से राहत मिली। वह दिन जब बीत गया तो अब तो सब ठीक है। बेटे को जन्म देने के बाद मुझे पति की बेवफाई याद आने लगी। यह सोच कर बहुत गुस्सा आया कि जिस आदमी ने दूसरी औरत के लिए मुझे छोड़ा, उसका अंश मैं क्यों रखूंगी। दूसरी तरफ अकेले उसकी परविश का डर सता रहा था। लेकिन अब जाकर मुझे समझ आया है कि उसके लिए तो मैं ही काफी हूं। उस पर एक आंच भी नहीं आने दूंगी। नहीं चाहिए कोई संपत्ति
फातिमा ने बताया कि ससुराल में अपना घर है। किसी चीज की कमी नहीं है। लेकिन मुझे उस धोखेबाज इंसान का न पैसा न संपत्ति कुछ नहीं चाहिए। मेरे बेटे को पढ़ा कर इस लायक बना दूंगी कि पीछे मुड़ कर देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पढ़िए एक मां की कहानी, जिसने बच्चे को तो जन्म दिया लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा कि पालेगी कैसे? 5 महीने पहले छोड़ गया था पति
दैनिक भास्कर से बात करते हुए मां कहती है- मेरी शादी एक साल पहले परिवार वालों की मर्जी से हुई थी। पति ड्राइवर था। हम लोग खुशी-खुशी दरभंगा (बिहार) में रहते थे। शादी के कुछ महीने बाद पति मुझे दिल्ली लेकर गया। शुरुआत में सब ठीक था। मुझे बहुत मानता था। कहता था कि रानी बनाकर रखूंगा। करीब 5 महीने पहले वो मुझे अचानक छोड़कर चला गया। मैंने उससे कॉन्टैक्ट करने की बहुत कोशिश की, लेकिन फोन ही नहीं उठाता था। फोन कर बोला- मैं नहीं आऊंगा, तुम अपना देख लो
फिर एक दिन उसका फोन आया। उसने ऐसी बात बोली कि मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। फोन उठाते ही वो बोला कि मैं वापस नहीं आऊंगा, तुम अपना देख लो। मुझे पता चला कि वह किसी लड़की के साथ भाग गया है। मैं उस समय 4 महीने की प्रेग्नेंट थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं? ऐसा लगा, मेरी दुनिया ही उजड़ गई। मैं बिल्कुल अकेली पड़ गई। मेरे मां-बाप भी इस दुनिया में नहीं हैं। मायके का सहारा भी नहीं ले सकती। पति ने हर जगह से ब्लॉक कर दिया। किसी नए नंबर से फोन करने पर भी नहीं उठाता है। ससुराल में केवल सास हैं। उनसे भी किसी तरह कोई संपर्क नहीं। मेड का काम करके करती है गुजारा
मां ने बताया- मैंने खुद जीने-खाने के लिए लोगों के घरों में खाना बनाने का काम शुरू किया। हम दिल्ली में छोटे से किराए के मकान में रहते थे। अब काम करके जो थोड़े-बहुत पैसे कमाती थी, उससे घर का किराया देती थी। जिनके घर में काम करती, वहीं खाना खाती थी। जब डिलीवरी का समय नजदीक आया, तो मैंने अपने गांव जाने का सोची। दिल्ली से दरभंगा के लिए निकली थी। लेकिन रास्ते में ही दर्द शुरू हो गया। गोरखपुर स्टेशन पर जीआरपी की मदद से मुझे जिला अस्पताल में ही भर्ती करा दिया गया। मेरे साथ कोई नहीं था। सोमवार की सुबह मेरी नॉर्मल डिलीवरी हुई, बेटा हुआ। इसके बाद मां रोने लगी। डॉक्टर ने बताया डिलीवरी के बाद मां का हाल… डिलीवरी करने वाले डॉक्टर ने बताया कि ताज्जुब की बात है, मां ने अपने बेटे को जन्म देने के बाद से साथ रखने से मना कर दिया। वजह पूछने पर उसने बताया कि मेरा पति मुझे छोड़ कर चला गया है, अकेले कैसे बच्चे को पालूंगी? बच्चे को देखना नहीं चाहती थी मां
डॉक्टर ने बताया- मां अपने बच्चे को दूध तक पिलाने को तैयार नहीं थी। अपने पति की करतूतों को याद करके खूब रोती थी। गुस्सा इतना था कि बच्चे को देखना भी नहीं चाहती थी। मजबूरी में बच्चे को दूसरी औरतों से फीडिंग करानी पड़ी। इलाज के लिए बच्चे को ऑब्जर्वेशन में रखा गया। ट्रीटमेंट के बाद वह थोड़ा नार्मल हुआ है। 16 दिसंबर की रात फिर उसे यही दिक्कत हुई थी, लेकिन अभी ठीक है। उसे देख-रेख की काफी जरूरत है। बच्चे की क्रिटिकल कंडीशन थी
डॉक्टर बताते हैं- हमने बच्चे की हालत गंभीर होने की वजह से उसे स्पेशल न्यू बॉर्न यूनिट (SNU) में एडमिट किया। उसे सांस लेने में दिक्कत थी। बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा था। तब भी मां ने बच्चे को गले से नहीं लगाया, न ही दूध पिलाया। डॉक्टर ने बताया- दो दिन तक हॉस्पिटल स्टाफ ने बच्चे की मां को बहुत समझाया, तब जाकर वह मानी। तब उसने बच्चे को दूध पिलाया। अब वो बच्चे को साथ लेकर दिल्ली जाएगी। अकेले पालने के डर से साथ नहीं रखना चाहती थी
मां ने कहा- जब मेरा बेटा पैदा हुआ तो मुझे बहुत डर लग गया कि मैं खुद दूसरों के घर खाती हूं। बेटे को कैसे पालूंगी? इसीलिए मैंने उसे अपने पास रखने से मना दिया। मुझे मेरे पति की करतूत याद आने लगी और गुस्से में मैंने बेटे को अपने पास नहीं आने दिया। मदद के लिए बढ़े कई हाथ, तब जागी ममता
मां ने बताया कि दिल्ली में मैं जिन घरों में काम करती थी, उन लोगों को जब पता चला तो उन्होंने मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उन लोगों ने कहा कि तुम बच्चे को लेकर दिल्ली आओ। हम सब मिल कर उसे बड़ा करेंगे। उसकी हर जरूरत का ध्यान रखेंगे। तब मुझे एहसास हुआ कि मेरे बच्चे के साथ कितना गलत हो रहा? बाप नहीं है तो क्या हुआ, मां तो है। फिर मैंने यह तय किया है कि बच्चे को लेकर दिल्ली जाऊंगी। वहां काम करके उसकी परवरिश करूंगी। अस्पताल प्रशासन से मिल रही मदद
फिलहाल मां जिला महिला अस्पताल में अपने बच्चे के साथ एडमिट है। अस्पताल प्रशासन और हॉस्पिटल के अन्य जो लोग एडमिट हैं, उनके परिजन उसकी हरसंभव मदद करते हैं। आशा वर्कर उसका खास ख्याल रखती हैं। मां और बच्चे की मदद के लिए तमाम लोग तैयार हैं। बच्चा अभी अंडर ऑब्जर्वेशन में है। स्थिति ठीक होने पर दोनों को डिस्चार्ज किया जाएगा। एसआईसी जय कुमार ने कहा- महिला को काफी मुश्किल से समझाया जा सका है। अब वह बच्चे को अपने साथ रखने को तैयार है। बच्चे की हालत अभी थोड़ी नाजुक है। जैसे ही ठीक हो जाएगा, डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। तब तक हॉस्पिटल का स्टाफ मां और बच्चे का पूरा ध्यान रख रहा है। हरसंभव मदद की जाएगी। ————————— यह खबर भी पढ़ें- घर बेचा, सरकारी नौकरी छोड़ी, अब बेटा धोनी संग खेलेगा, आगरा के कार्तिक 14.20 करोड़ में बिके तो रोने लगे IPL ऑक्शन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने आगरा के कार्तिक शर्मा को 14.20 करोड़ रुपए में खरीदा। कार्तिक का बेस प्राइस महज 30 लाख रुपए था। उम्मीद से ज्यादा बोली लगते ही कार्तिक भावुक हो गए और अपनी मां के गले लगकर रो पड़े। इस दौरान पूरे परिवार की आंखों में खुशी के आंसू थे। पढ़िए पूरी खबर…
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