बेटा बाइक पर जगह नहीं है, तुम यहीं रुको, मैं तुम्हारे लिए चॉकलेट लेकर आउंगा। ये बात शाहजहांपुर में ट्रेन-बाइक हादसे में जान गंवाने वाले सेठपाल ने अपनी छोटी बेटी से कहकर घर से निकले थे। वहीं, हरिओम की पत्नी 9 माह की प्रेग्नेंट हैं। वह अपने नए बच्चे को लेकर बहुत खुश था। हरिओम की शादी चार साल पहले ही हुई थी। बुधवार को हरिओम अपने साढू सेठपाल, साली पूजा और उनके दो बच्चों बेटी निधि और बेटे सूर्यांश के साथ बाइक से लखीमपुर जा रहा था। रोजा स्टेशन के पास प्लेटफॉर्म के पास से रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे। उन्हें एक ट्रेन आती दिखाई दी। वे ट्रैक पर ही खड़े हो गए। हरिओम को लगा कि ट्रेन दूसरे ट्रैक से निकल जाएगी, लेकिन ट्रेन उसी ट्रैक पर आ गई। गरीब रथ ट्रेन ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में पांचों के चीथड़े उड़ गए। ट्रैक पर कुछ मीटर के दायरे में केवल कटे हुए हाथ-पैर और सिर पड़े थे। बाइक ट्रेन में फंसकर 500 मीटर तक घिसटती चली गई। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे और कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। शवों के टुकड़ों को पॉलिथीन में पैक करके पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। हादसा बुधवार शाम करीब साढ़े 6 बजे का रोजा जंक्शन के पास बने पावर केबिन के पास का है। हरिओम के पिता लालाराम सैनी और मां माया सैनी रोजा थाना क्षेत्र के मठिया कॉलोनी स्थित एक किराए के मकान में रहती हैं। मां माया सैनी एक नमकीन फैक्ट्री में काम करती हैं। हरिओम की पत्नी 8 माह की गर्भवती है। परिवार में बहुत जल्द खुशी आने वाली थी। वहीं, सेठपाल निगोही थाना क्षेत्र के बिकन्ना गांव का रहने वाला था। बुधवार को हरिओम ने सेठपाल को फोन कर कहा- पूजा और बच्चों के साथ घर आ जाओ। इसके बाद सेठपाल भी अपनी पत्नी पूजा, बेटी निधि और बेटे सूर्यांश के साथ वहां पहुंच गया। सेठपाल ने अपनी आठ वर्षीय बेटी परी को घर पर ही छोड़ दिया था, क्योंकि बाइक पर बैठने की जगह नहीं थी। उन्होंने बेटी से कहा था कि लौटते समय उसके लिए चॉकलेट ले आएंगे, जिस पर वह मान गई। इसके बाद सभी ने क्षेत्र में लगे बुध बाजार से खरीदारी की, क्योंकि हरिओम की पत्नी गर्भवती थी और घर में खुशी आने वाली थी। बुधवार शाम करीब छह बजे हरिओम अपनी बाइक से साढ़ू सेठपाल, उनकी पत्नी पूजा और उनके दो बच्चों को लेकर लखीमपुर स्थित अपने घर के लिए निकला। बाइक हरिओम चला रहा था। रोजा स्टेशन के पास प्लेटफॉर्म के पास से रेलवे ट्रैक पार करते समय गरीब रथ ट्रेन ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में पांचों के चीथड़े उड़ गए। बाइक ट्रेन में फंसकर 500 मीटर तक घिसटती चली गई। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे और कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। शवों के टुकड़ों को पॉलिथीन में पैक करके पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। सूचना मिलते ही हरिओम और सेठपाल के परिजन मौके पर पहुंचे। हादसे की जानकारी मिलते ही सीएमओ और एडीएम एफआर अरविंद कुमार पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे। सेठपाल मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे। अब उनके परिवार में कोई नहीं बचा है। सेठपाल के चार भाई थे। शेर बहादुर, ब्रह्मपाल, सुमित और एक सेठपाल खुद है। दो बहनें सुनीता व पिंकी हैं। उनके माता-पिता लल्ली और बाबूराम हैं। सेठपाल चार भाइयों में दूसरे नंबर के थे। पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। भाई ब्रह्मपाल ने बताया कि सेठपाल ने घर से निकलते समय कहा था कि वह शाम को हरिओम के साथ जाएंगे और गुरुवार को वापस लौट आएंगे। हरिओम भी मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करता था। उसकी पत्नी गर्भवती थी और जल्द ही दूसरी डिलीवरी होने वाली थी। हरिओम इसको लेकर बहुत खुश था और बेसब्री से इंतजार कर रहा था। उसकी शादी चार साल पहले हुई थी। हरिओम का एक भाई दीपक था, जिसकी वर्ष 2009 में चक भिटारा के पास सड़क हादसे में मौत हो गई थी। ————————————————- ये खबर भी पढ़ेंः – कानपुर में 3 पुलिसवालों को रौंदकर 120Km स्पीड से भागे:कार पर नंबर प्लेट नहीं, 7.5km तक ट्रेस हुए बदमाश, फिर लापता कानपुर में गंगा बैराज पर 3 पुलिसवालों को रौंदने वाली कार को पुलिस सिर्फ 7.5Km तक ट्रेस कर सकी। कोठारी चौराहा (बिठूर) तक कार CCTV में दिखी, उसके बाद गायब हो गई। पुलिस के मुताबिक, यहां से कार सिर्फ 3 रूट पर जा सकती है। पहला- कल्याणपुर की तरफ। दूसरा- बिठूर के अंदर। तीसरा- मंधना की तरफ। इस रूट से बदमाश कन्नौज होकर झांसी या औरेया की तरफ जा सकते हैं, या लखनऊ की तरफ भी भागकर आ सकते हैं। पढ़ें पूरी खबर…
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