गोंडा की कैसरगंज लोकसभा सीट से पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक बार फिर योग गुरु बाबा रामदेव पर निशाना साधा है। उन्होंने रामदेव को मिलावटखोरों का ‘जगतगुरु’ और ‘सम्राट’ बताया। खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर सरकार और व्यवस्था पर सवाल उठाए, साथ ही खाद्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बृजभूषण शरण सिंह ने 130 रुपये प्रति लीटर में बिक रहे कड़वे तेल पर चिंता जताई। उन्होंने कहा जब तेल 225 रुपये प्रति लीटर की लागत से तैयार होता है, तो वह 130 रुपये में कैसे बिक सकता है। उन्होंने दावा किया कि उनके क्षेत्र में एक बड़ी तेल फैक्ट्री में 60 प्रतिशत भूसी का तेल और 40 प्रतिशत असली सरसों का तेल मिलाकर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा इसे रोकने का काम सरकार और संबंधित विभागों का है, लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। गोंडा के खाद्य विभाग पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने नकली पनीर बनाए जाने की सूचना दी थी। उनके अनुसार, विभाग के अधिकारी मौके पर आए, दो लाख रुपए लिए और चले गए, इसके बाद भी नकली पनीर का उत्पादन जारी रहा। उन्होंने दावा किया कि हर चौराहे पर नकली पनीर बन रहा है। अब पढ़िए बृजभूषण सिंह के बड़े बयान… पराली और प्रदूषण पर व्यवस्था को ठहराया दोषी दिल्ली समेत अन्य जगहों पर खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) और पराली जलाने के मुद्दे पर बृजभूषण शरण सिंह ने किसी व्यक्ति को नहीं, बल्कि व्यवस्था को दोषी ठहराया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब इन समस्याओं से निपटने के लिए कानून मौजूद हैं, तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं होती। उन्होंने कहा कि एक छटाक मिट्टी निकालने पर पुलिस पहुंच जाती है। कानून होते हुए भी कार्रवाई क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि इतना बालू कहीं मिल जाए तो लेखपाल पहुंच जाता है। मिट्टी निकाली जाए तो भी लेखपाल पहुंच जाता है। लेकिन गांवों में धू-धू कर पराली जल रही है, उसके लिए भी कानून है। सीधे-सीधे पूरा कानून डीएम के अधीन है, तो उसका पालन क्यों नहीं होता। उन्होंने कहा कि वह किसी पर आरोप लगाने नहीं बैठे हैं, बल्कि यह पीड़ा है कि हमने अपने ही देश को अपने हाथों से नरक बना दिया है। लोगों की जिंदगी कम हो रही है, दुर्घटनाएं हो रही हैं, सांस की बीमारियां बढ़ रही हैं। यह कोई दैवीय आपदा नहीं है, बल्कि मानवजनित समस्या है। गाड़ी का धुआं दिखता है, पराली क्यों नहीं? उन्होंने सवाल उठाया कि गाड़ी का धुआं दिखाई देता है, लेकिन पराली नहीं दिखती? धान का खेत नहीं दिखाई देता? उन्होंने कहा कि यह गाड़ी पकड़वाने का खेल है। यह बड़े लोगों और उद्योगपतियों का खेल है, जिसमें अधिकारी भी शामिल हैं। पेड़ लगाने की मुहिम का किया जिक्र बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि जब वह 1991 में सांसद बने थे, तब अपने भाषणों में कहते थे कि जिसके घर बेटी पैदा हो, वह 10 सागौन के पेड़ लगाए। क्षमता हो तो 20 या 30 पेड़ लगाए। वह किसी कार्यकर्ता के यहां चाय पीने जाते थे, तो कहते थे कि चाय तभी पिएंगे जब 100 पेड़ लगाए जाएंगे। इसी तरह लाखों पेड़ लगवाए गए और देवीपाटन मंडल, बहराइच सहित जिले में एक क्रांति पैदा हो गई। सागौन की लकड़ी पर रोक से किसानों को नुकसान उन्होंने कहा कि एक समय सागौन अफीम जैसा था, जैसे आज बालू है। बाद में उद्योगपतियों ने अधिकारियों से मिलकर आदेश करवा दिया कि किसी भी नई बिल्डिंग में लकड़ी के दरवाजे और जंगले नहीं लगाए जाएंगे। इससे सागौन, जो कभी सोने के भाव बिकता था, आज कौड़ी के भाव हो गया। उन्होंने कहा कि अब किसान अपने खेत की लकड़ी तक इस्तेमाल नहीं कर सकता और उसे चीन का लोहा लगाना पड़ता है। जब जरूरत बढ़ रही है तो लकड़ी के दाम क्यों घट रहे? उन्होंने सवाल उठाया कि जब जनसंख्या, आबादी और जरूरतें बढ़ रही हैं, तो सागौन, शीशम, आम और बबूल जैसी लकड़ियों के दाम क्यों गिर रहे हैं। कानून बनाकर जबरन चीन से सामान मंगवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सब जबरदस्ती हो रही है। अंत में उन्होंने कहा कि तमाम मुद्दे हैं, कितना बोला जाए, जितना ध्यान आता है उतना बोलता रहता हूं। ————————————– ये खबर भी पढ़ें… जालौन के शोरूम में लगी भीषण आग,VIDEO:10 लाख के ब्रांडेड गद्दे जले, लपटें देख कारोबारी बेहोश, घर से निकलकर भागे हजारों लोग जालौन के कोंच रेलवे स्टेशन के सामने दो मंजिला शोरूम में भीषण आग लग गई। पलभर में आग ने विकराल रूप ले लिया। 15 फीट तक ऊंची लपटें उठने लगीं। शोरूम में मौजूद लोगों ने भागकर जान बचाई। धुआं उठता देख आसपास के घरों के लोग घर छोड़कर सड़क पर आ गए। सूचना के एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। आग से 12 से 15 लाख रुपए के गद्दे जलकर राख हो गए। इतने बड़े नुकसान देखकर शोरूम के मालिक वीरेंद्र अग्रवाल बेहोश हो गए। आसपास के लोगों ने उन्हें संभाला।पढ़ें पूरी खबर…
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