बुलंदशहर हाईवे गैंगरेप मामले में अभियोजन पक्ष और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की बहस पूरी हो गई है। अब बचाव पक्ष 27 नवंबर को अपनी बहस करेगा। इस मामले में अगले एक से दो महीने में न्यायालय का फैसला आने की संभावना है। यह घटना 30 जुलाई 2016 को नेशनल हाईवे 34 (तत्कालीन एनएच 91) पर हुई थी। नोएडा निवासी एक परिवार शाहजहांपुर जा रहा था, जब दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास बदमाशों ने उनकी कार रोकी। आरोपियों ने मां-बेटी समेत पांच लोगों को बंधक बनाकर मां और नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप किया। वारदात के बाद आरोपियों ने सभी को बांधकर खेत में छोड़ दिया और नकदी व सामान लूटकर फरार हो गए थे। शुरुआती पुलिस लापरवाही के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने सलीम बावरिया समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। बाद में हरियाणा पुलिस ने पांच अन्य आरोपियों को पकड़ा, जिन्होंने इस वारदात में शामिल होने की बात कबूल की। इसके बाद सीबीआई ने इन पांचों आरोपियों के नाम भी मामले में शामिल किए। हाल ही में, जिला कारागार में बंद मुख्य आरोपी सलीम बावरिया की मौत हो चुकी है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता वरुण कौशिक ने बताया कि यह मामला विशेष सत्र न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम ओमप्रकाश वर्मा तृतीय के न्यायालय में विचाराधीन है। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 25 गवाह पेश किए गए हैं। सीबीआई की बहस भी पूरी हो चुकी है, और अब केवल बचाव पक्ष की बहस जारी है। अगली सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित है, जिसके बाद न्यायालय द्वारा फैसला सुनाया जाएगा।
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