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बुलंदशहर हाईवे गैंगरेप केस में 9 साल बाद फैसला आज:2016 में NH 91 पर मां-बेटी से हुई थी दरिंदगी, दोनों पक्षों की गवाही-बहस पूरी

बुलंदशहर के बहुचर्चित नेशनल हाईवे-91 गैंगरेप और लूटकांड में शनिवार को फैसला आने वाला है। यह वही मामला है, जिसने 2016 में यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। घटना के 9 साल 4 महीने 21 दिन बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। दोनों पक्षों की गवाही और बहस पूरी हो चुकी है। बता दें कि नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार को बदमाशों ने लूट के इरादे से रोका था। इसके बाद आरोपियों ने कार में सवार मां और उसकी नाबालिग बेटी के साथ हाइवे किनारे खेत में गैंगरेप किया। बाकी सदस्यों को बंधक बनाकर लूटपाट की। हैरानी की बात ये थी कि यह घटना जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर और देहात कोतवाली से महज 2 किलोमीटर दूरी पर बीच हाइवे हुई थी। पर पुलिस और हाइवे पेट्रोलिंग टीम को भनक तक नहीं लगी। इस मामले में पिछले 9 सालों में 25 लोगों की गवाही हो चुकी है। वहीं एक आरोपी की बीमारी से मौत भी हो चुकी है। शेष 5 आरोपियों की सजा तय होगी। घटना से जुड़ी तस्वीरें देखिए… अब पढ़िए क्या है पूरा मामला…
घटना 30 जुलाई 2016 की रात की है। नोएडा निवासी एक परिवार कार से शाहजहांपुर गमी में शामिल होने जा रहा था। बुलंदशहर देहात कोतवाली क्षेत्र में दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास बदमाशों ने कार को रोक लिया।
कार में मां-बेटी समेत 5 लोग सवार थे। आरोपियों ने सभी को बंधक बना लिया। मां और नाबालिग बेटी को पास के खेत में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया, जबकि अन्य परिजनों को दूसरे खेत में बंधक बनाकर पीटा और लूटा। 12 घंटे बाद दर्ज हुआ था केस
पीड़ित परिवार ने रात में ही डायल-100 पर कॉल की, लेकिन मदद नहीं मिली। आरोप है कि देहात कोतवाली पुलिस ने शुरू में मामला दबाने की कोशिश की। पीड़िता को मेडिकल के लिए भटकना पड़ा। आखिरकार घटना के 12 घंटे बाद 30 जुलाई की दोपहर को मुकदमा दर्ज हुआ। सीओ, इंस्पेक्टर समेत 19 पुलिस कर्मी नपे
31 जुलाई को पुलिस ने तीन फर्जी आरोपियों को पकड़कर वारदात के खुलासे का दावा कर दिया। मामला तूल पकड़ने पर 1 अगस्त 2016 को डीजीपी और प्रमुख सचिव मौके पर पहुंचे। उसी शाम एसएसपी वैभव कृष्ण और सीओ धर्मेंद्र को हटा दिया गया। थाना प्रभारी रामसेन समेत 19 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई। CBI जांच और सीन रीक्रिएशन
मामले की गंभीरता को देखते हुए 19 अगस्त 2016 को CBI जांच शुरू हुई। CBI टीम ने आरोपियों की रिमांड लेकर 20 अगस्त को घटनास्थल का सीन रीक्रिएट कराया। 6 आरोपी थे, एक की हो चुकी है मौत
इस केस में कुल 6 आरोपी नामजद किए गए थे। इनमें से एक आरोपी सलीम की बीमारी से मौत हो चुकी है। अब केस में 5 आरोपी शेष हैं। कोर्ट में 25 गवाह, आज फैसला
यह मामला विशेष सत्र न्यायाधीश (POCSO) ओमप्रकाश वर्मा तृतीय की अदालत में चल रहा है। अभियोजन पक्ष की ओर से 25 गवाहों की गवाही कराई गई। बचाव पक्ष की दलीलें भी पूरी हो चुकी हैं। अब, नौ साल बाद पीड़ित परिवार और पूरे प्रदेश की निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी हैं। ———————— ये खबर भी पढ़िए बेटी को छुआ तो मां ने प्रेमी को मार डाला:कानपुर में बोली- मेरा खून खौल उठा था; 49 दिन बाद युवक का कंकाल मिला ‘गोरेलाल के साथ मेरे अवैध संबंध थे। लेकिन वह मेरी 13 साल की बेटी पर बुरी नजर रखता था। कहता था कि मुझे तुम्हारी बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाने हैं। मैंने जब मना किया तो उसने धमकी दी। कहने लगा- तेरे इकलौते बेटे को मारकर फेंक दूंगा। एक दिन उसने मेरी बेटी को बैड टच किया। यह देखकर मेरा खून खौल उठा। मैंने उसी पल गोरेलाल को खत्म करने का मन बना लिया। मैंने अपने भतीजे ईशू को बुलाया। गोरेलाल को शराब पिलाई। फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। शव को जंगल में फेंक दिया।’ यह कबूलनामा है कि चौबेपुर की रहने वाली लक्ष्मीदेवी गौतम का। पुलिस ने उसे और उसके भतीजे को अरेस्ट किया है। दोनों ने मिलकर 49 दिन पहले गोरेलाल का मर्डर किया था। पुलिस ने दोनों की निशानदेही से चौबेपुर के जंगल से गोरे लाल का कंकाल बरामद किया है। पढ़िए पूरी खबर…


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