बुलंदशहर में मतदाता सूची को शुद्ध और त्रुटिहीन बनाने के लिए चला विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुक्रवार को संपन्न हो गया। 4 नवंबर से शुरू हुए इस अभियान के दौरान जिले में लगभग 3.18 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं जो वर्षों पहले अपना घर और शहर छोड़कर दूसरी जगहों पर चले गए थे। अब जिले में 22 लाख 59 हजार 783 मतदाता शेष बचे हैं। जबकि एसआईआर से पहले यह आंकड़ा 26 लाख 63 हजार 718 थी। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, इसे वर्ष 2003 के बाद का सबसे बड़ा शुद्धिकरण अभियान माना जा रहा है। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) द्वारा घर-घर जाकर किए गए सत्यापन में सामने आया कि सातों विधानसभाओं में कुल 57,070 मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी थी, जिनके नाम अभी भी सूची में दर्ज थे। इन मृत मतदाताओं के परिवारों से सत्यापन के बाद नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सॉफ्टवेयर और जमीनी सत्यापन का उपयोग किया गया। इस दौरान जनपद में 26,033 ऐसे मतदाता भी पाए गए जिनके नाम एक से अधिक बूथों या सूचियों में दर्ज थे। इन डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं ताकि भविष्य के चुनावों में फर्जी मतदान की संभावना को समाप्त किया जा सके। अभियान के दौरान सबसे बड़ी संख्या उन मतदाताओं की थी जो स्थानांतरित हो चुके थे। सर्वे में पता चला कि लगभग 2.35 लाख मतदाता ऐसे हैं जो या तो रोजगार की तलाश में बाहर चले गए हैं, या फिर शादी और अन्य कारणों से स्थायी रूप से दूसरे जनपदों या राज्यों में बस गए हैं। नियमानुसार, यदि कोई मतदाता छह महीने से अधिक समय से अपने दर्ज पते पर नहीं रह रहा है, तो उसका नाम काटा जाना अनिवार्य है। बीएलओ की रिपोर्ट के आधार पर इन लाखों नामों को सूची से हटाया जा रहा है। सातों विधानसभाओं का रिपोर्ट कार्ड एडीएम वित्त अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत मतदाता सूची को पारदर्शी और शुद्ध बनाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। मृतकों, डुप्लीकेट और शिफ्टिड मतदाताओं के सत्यापन के बाद उनके नाम हटाते हुए जल्द ही नई मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। फार्म को करीब 92 फीसदी ऑनलाइन किया जा चुका है।
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