बुलंदशहर में तापमान में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव और बढ़ती ठंड के कारण मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। विशेषकर बाल रोग विशेषज्ञ और फिजीशियन के कक्षों पर सुबह से ही लंबी कतारें देखी जा रही हैं। जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. पंकज उपाध्याय ने बताया कि तापमान में गिरावट के कारण छोटे बच्चों में सर्दी, खांसी और वायरल बुखार के मामले सबसे अधिक सामने आ रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौसम में अचानक बदलाव बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर सीधा असर डालता है, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में ओपीडी में आने वाले बच्चों की संख्या में 25 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। वयस्कों में भी वायरल फीवर, गले में खराश, खांसी और बदलते मौसम से होने वाली सांस संबंधी परेशानियों के मामले बढ़े हैं। फिजीशियन कक्षों पर भी मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। कई मरीज धुंध और खराब वायु गुणवत्ता के कारण आंखों में जलन और सीने में भारीपन की शिकायत भी कर रहे हैं। मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए जिला अस्पताल प्रशासन ने ओपीडी का स्टाफ बढ़ाया है। दवाओं की आपूर्ति भी सुनिश्चित की गई है, ताकि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। डॉक्टरों की टीम को गंभीर मरीजों को तत्काल प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सकों ने बचाव के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं। जिनमें छोटे बच्चों को ठंडी हवा से बचाएं, सुबह-शाम बाहर निकलते समय गर्म कपड़ों का प्रयोग करें, ठंडे पेय और फास्ट फूड से बचें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और बुखार या सर्दी के लक्षण बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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