बुलंदशहर में हाड़ कंपाने वाली ठंड ने लोगों की दिनचर्या जकड़ ली है। शुक्रवार को जिला प्रदेश में सबसे ठंडा दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया, जबकि सुबह से घना कोहरा और 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती शीतलहर ने गलन बढ़ा दी। हालात ऐसे रहे कि सुबह कुछ कदम आगे तक दिखाई नहीं दे रहा था। गुरुवार रात से ही जिले में घना कोहरा छाया रहा। शुक्रवार सुबह सात बजे तक सड़कें कोहरे की चादर में लिपटी रहीं। कोहरे और ठंडी हवाओं के कारण दिन में भी ठंड का अहसास बना रहा। बाजारों में सामान्य दिनों की तुलना में चहलपहल कम दिखी, दुकानों पर भी खरीददारी सुस्त रही। स्कूली बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा असर
ठंड का सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों और बुजुर्गों पर देखा जा रहा है। सुबह-सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को ठिठुरन झेलनी पड़ रही है। वहीं, बुजुर्ग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेने को मजबूर हैं। सार्वजनिक स्थानों और चौराहों पर लोग अलाव के आसपास जमा नजर आए। तापमान और मौसम का हाल
शुक्रवार को जिले का न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आर्द्रता करीब 55 फीसदी रही, जबकि हवा की गति 5 किमी प्रति घंटे के आसपास रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल न्यूनतम तापमान में बड़े बदलाव की संभावना नहीं है, लेकिन कोहरा और गलन का असर बना रह सकता है। किसानों की चिंता: गेहूं को फायदा, सब्जियों को नुकसान
कृषि विज्ञान केंद्र की अध्यक्ष और मौसम वैज्ञानिक डॉ. रेशु सिंह ने बताया कि मौसम का मिजाज रोज बदल रहा है। दिन में धूप निकलने से रात में कोहरा बढ़ने की संभावना रहती है। किसानों का कहना है कि कोहरा गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है, लेकिन आलू, दलहन और मटर जैसी फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। आगे और बढ़ सकती है मुश्किल
मौसम विभाग का अलर्ट है कि दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में ठंड और कोहरा लोगों की मुश्किलें और बढ़ा सकते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाव की सलाह दी है।
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