शामली में बुर्का न पहनने के चलते एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की निर्मम हत्या कर दी। हत्या के बाद तीनों शवों को अपने ही घर में गड्ढा खोदकर दफना दिया गया। परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा ग्राम प्रधान के माध्यम से दी गई शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की। मामला कांधला थाना क्षेत्र के गांव गढ़ी दौलत का है। वहीं आरोपी फारूक पुत्र दाऊद को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जिसमें उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने घर में खुदाई कर पत्नी ताहिरा और बेटियों आफरीन व सहरीन के शव बरामद किए। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी फारूक होटल पर रोटी बनाने का काम करता था और अपने भाइयों के साथ मिलकर परिवार का पालन-पोषण करता था। फारूक के कुल पांच बच्चे हैं, जिनमें तीन बेटियां और दो बेटे हैं। आरोप है कि उसकी पत्नी बुर्का न पहनने और खुले तौर पर रहने को लेकर पति से विवाद करती थी, जिसे फारूक अपनी सामाजिक बेइज्जती मानता था। इसी मानसिकता के चलते उसने हत्या की योजना बनाई। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि फारूक ने कैराना से अवैध तमंचा और कारतूस खरीदे, फिर पहले लैट्रिन टैंक के लिए गड्ढा खुदवाया। इसके बाद पत्नी को वापस बुलाकर रात के समय गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। गोली की आवाज सुनकर जागी दोनों बेटियों (उम्र लगभग 14 और 16 वर्ष) की भी उसने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद तीनों शवों को उसी गड्ढे में दफना दिया गया। हत्या के बाद आरोपी ने परिजनों को गुमराह करने के लिए यह कह दिया कि वह बच्चों को लेकर शामली में किराये पर कमरा लेकर रह रहा है। जब काफी समय तक महिला और बच्चियों का कोई पता नहीं चला, तो परिजनों को शक हुआ और पुलिस को सूचना दी गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एनपी सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा दो बच्चियों और एक महिला के लापता होने की सूचना मिली थी। जांच के दौरान महिला के पति फारूक से सख्ती से पूछताछ की गई। जिसमें उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने तीनों शव बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मामले में आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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