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बीमा कंपनी को 1.94 लाख रुपए चुकाने का आदेश:दुर्घटनाग्रस्त ट्रक मालिक को 10% ब्याज और 60 हजार क्षतिपूर्ति भी देनी होगी

संत कबीर नगर में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, गोरखपुर के खिलाफ कड़ा फैसला सुनाया है। आयोग ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह ट्रक मालिक को 1 लाख 94 हजार 40 रुपए की राशि 10% वार्षिक ब्याज सहित अदा करे। यह ब्याज दुर्घटना की सूचना देने की तिथि से लेकर अंतिम भुगतान तक लागू होगा। आयोग ने कंपनी को निर्देश दिया है कि वह निर्णय की तिथि से 60 दिनों के भीतर भुगतान सुनिश्चित करे। इसके अलावा आयोग ने 50 हजार रुपए क्षतिपूर्ति और 10 हजार रुपए मुकदमे का खर्च, यानी कुल 60 हजार रुपए अतिरिक्त देने का भी आदेश दिया है। क्या है पूरा मामला यह मामला राजीव कुमार यादव, निवासी ग्राम अनई, थाना कोतवाली खलीलाबाद से जुड़ा है। उनके अधिवक्ता रणजीत कुमार चौधरी के अनुसार, राजीव कुमार ने अपने ट्रक (UP 58 T 7022) का बीमा 27 जनवरी 2022 को न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से कराया था। -प्रीमियम: 42,286 रुपए -बीमा मूल्य: 19 लाख रुपए -वैधता: 26 जनवरी 2023 तक -ट्रक परमिट और चालक का लाइसेंस: 2026 तक वैध राजीव कुमार इसी ट्रक की कमाई से परिवार का खर्च चलाते थे। दुर्घटना ऐसे हुई 16 अगस्त 2022 की सुबह 7:30 बजे ट्रक बिहार के पूर्णिया जिले के रानी पतरा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति को बचाने के प्रयास में अनियंत्रित हो गया और ट्रांसफॉर्मर से टकरा गया।विद्युत विभाग के आकलन के अनुसार— 2 एलटी बुश 50 लीटर तेल क्षतिग्रस्त हुआ, जिसकी कीमत 1,94,040 रुपए तय की गई। परिवादी ने अगले ही दिन दुर्घटना की सूचना बीमा कंपनी को दे दी थी। कंपनी ने भुगतान क्यों नहीं किया ट्रक को विद्युत विभाग द्वारा आकलित राशि जमा करने के बाद 15 सितंबर 2022 को सीजेएम कोर्ट के आदेश पर छोड़ा गया। राजीव कुमार ने 6 सितंबर को बीमा कंपनी को लिखित सूचना भी दे दी थी। फिर भी कंपनी ने दावा निस्तारित नहीं किया। बीमा कंपनी का तर्क था कि“विद्युत विभाग द्वारा लगाए गए अर्थदंड का भुगतान हमारी जिम्मेदारी नहीं है।” आयोग ने बीमा कंपनी का तर्क खारिज किया उपभोक्ता आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और साक्ष्यों का अध्ययन करने के बाद कहा— -परिवादी ने न्यायालय का कोई अर्थदंड नहीं चुकाया है। -यह राशि विद्युत विभाग की क्षति की भरपाई के रूप में दी गई थी। -इसलिए बीमा कंपनी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह ट्रक मालिक को राशि वापस करे। इसके साथ ही आयोग ने आदेश दिया कि कंपनी निर्धारित समय में भुगतान न करने पर आगे की कानूनी कार्रवाई होगी। सुनवाई के बाद ट्रक मालिक और उनके परिवार ने राहत की सांस ली है, जबकि यह फैसला बीमा कंपनियों के लापरवाहीपूर्ण रवैये पर कड़ा संदेश माना जा रहा है।


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