बलिया में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद के विवादित बयान पर अब राजनीतिक टकराव खुलकर सामने आ गया है। बांसडीह में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में संजय निषाद द्वारा “बलिया के लोग अंग्रेजों के दलाल थे” कहने पर बीजेपी जिला उपाध्यक्ष शुभ नारायण सिंह सुरेन्द्र ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। शुभ नारायण सिंह ने कहा कि वे संजय निषाद को तब से जानते हैं, जब वे गोरखपुर से बलिया पदयात्रा के लिए आ रहे थे।उन्होंने आरोप लगाया—मेरे साथ हजारों मल्लाह थे और संजय निषाद के साथ सिर्फ तेरह लोग। उसी दिन उनकी ‘तेरही’ कर दी थी। उन्हें तब भी बलिया की ताकत समझ आ जानी चाहिए थी।” गंगा नदी की नीलामी में ‘दलाली’ का आरोप बीजेपी उपाध्यक्ष यहीं नहीं रुके। उन्होंने संजय निषाद पर गंगा नदी की नीलामी में दलाली करने का गंभीर आरोप लगाया।उन्होंने कहा—मंत्री ने गंगा नदी के ठेकों को पाँच-पाँच किलोमीटर में बाँटकर एक ही व्यक्ति को दिलवाया। इसमें उनका दलाली का हिस्सा भी था। बलिया के सभी निषाद बंधु जानते हैं कि गंगा माता की नीलामी उन्हीं की वजह से हुई।” उन्होंने दावा किया कि बलिया में संजय निषाद का कोई कार्यकर्ता साथ नहीं है। चुनाव लड़ेंगे तो एक सीट नहीं जीत पाएंगे” शुभ नारायण सिंह ने चुनौती देते हुए कहा— बलिया तो छोड़िए, पूरे यूपी में इनके साथ एक भी निषाद नहीं है। चुनाव लड़ेंगे तो एक भी सीट नहीं जीतेंगे। निषाद उनसे ज्यादा हमारे साथ हैं, क्योंकि हमने निषाद समाज की लड़ाई लड़ी है।” बलिया के लोग दलाल नहीं, असली दलाल तो वह खुद है बीजेपी उपाध्यक्ष ने संजय निषाद के बयान को जातीय राजनीति का हिस्सा बताया।उन्होंने कहा— बलिया के लोग दलाल नहीं हैं। दलाली अगर कोई करता है तो वह खुद करता है। जातिवादी नेता चुनाव आने पर ही सबकुछ याद करते हैं। बांसडीह में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा था— क्योंकि यह बलिया है यहां के लोग अंग्रेजों के दलाल बहुत थे। दलाली का सिस्टम चला और अभी भी चलता रहा, इसी वजह से बलिया बर्बाद है।” उनके इसी बयान पर अब राजनीतिक संग्राम तेज हो गया है।
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