बिहार में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के दौरान एक मुस्लिम महिला का हिजाब खींचे जाने के आरोप को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। इस घटना को लेकर सम्भल में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कड़ी नाराजगी जताई है और इसे महिला सम्मान, संवैधानिक मर्यादा तथा सामाजिक मूल्यों के खिलाफ बताया है। धर्मगुरुओं ने मुख्यमंत्री से सार्वजनिक माफी की मांग के साथ महिला आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना वसी अशरफ ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना न केवल महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि पूरे समाज के लिए शर्मनाक है। मौलाना वसी अशरफ ने दावा किया कि इस घटना से आहत होकर संबंधित महिला डॉक्टर कुछ समय के लिए बिहार छोड़कर चली गई थीं, हालांकि बाद में वह लौट आईं। मौलाना वसी अशरफ ने मुख्यमंत्री से आत्ममंथन करने और नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की। इस मुद्दे पर मुफ्ती आलम रज़ा नूरी ने भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि यदि वास्तव में किसी महिला का हिजाब खींचा गया है, तो यह बेहद निंदनीय कृत्य है। मुफ्ती नूरी ने स्पष्ट किया कि इस घटना को हिंदू-मुस्लिम के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे नारी के अपमान के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की संस्कृति में हर महिला की आस्था और परंपरा का सम्मान किया जाना चाहिए, चाहे वह घूंघट हो या हिजाब। मुफ्ती आलम रज़ा नूरी ने मुख्यमंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और महिला आयोग से इस मामले का संज्ञान लेने की मांग दोहराई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो भविष्य में सत्ता में बैठे लोग इस तरह का व्यवहार करने का साहस करते रहेंगे।
https://ift.tt/hvEG93i
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply