प्रयागराज में स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र NCZCC में बुधवार 10 दिसंबर से प्रवीण स्मृति नाटक महोत्सव 2025 की शुरुआत होने जा रही है। 10 से 14 दिसंबर तक चलने वाले इस पांच दिवसीय नाट्य महोत्सव में देश के जाने-माने रंग निर्देशक विजेंद्र कुमार टॉक के निर्देशन में पांच विशिष्ट नाटकों का मंचन किया जाएगा। यह महोत्सव रंगमंच प्रेमियों के लिए एक खास सांस्कृतिक उत्सव साबित होने जा रहा है। नाट्य महोत्सव के संयोजक डॉ. इंद्रदीप कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि बिहार के युवा रंगकर्मी प्रवीण की असामाजिक तत्वों द्वारा हत्या कर दी गई थी। इसी घटना के बाद उनकी स्मृति को जीवित रखने और रंगमंच के माध्यम से श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से पिछले 22 वर्षों से लगातार प्रवीण स्मृति नाटक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। अब तक यह महोत्सव बिहार के विभिन्न शहरों में आयोजित होता रहा है, जबकि पिछले वर्ष इसका आयोजन दिल्ली में किया गया था। इस साल पहली बार संगम नगरी प्रयागराज में इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। डॉ. चंद्रवंशी के अनुसार, नाट्य महोत्सव का मुख्य उद्देश्य बिहार के रंगकर्मियों को राष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराना और विभिन्न क्षेत्रों की रंग संस्कृतियों के बीच आपसी संवाद और आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही युवा और नए कलाकारों को मंच प्रदान कर थिएटर को आम जनमानस से जोड़ना भी इस आयोजन का अहम लक्ष्य है। महोत्सव के कार्यक्रम के तहत 10 दिसंबर को जयशंकर प्रसाद की कहानी पर आधारित नाटक ‘गुंडा’ का मंचन किया जाएगा। 11 दिसंबर को शिवमूर्ति की रचना ‘कुच्ची का कानून’, 12 दिसंबर को रवींद्र भारती द्वारा लिखित ‘नागर डोला’, 13 दिसंबर को लोकनाट्य सम्राट भिखारी ठाकुर की अमर कृति ‘गबर घिचोर’ और समापन दिवस 14 दिसंबर को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी रचना ‘रश्मि रथी’ का भव्य मंचन किया जाएगा। खास बात यह है कि इस नाट्य महोत्सव में दर्शकों के लिए प्रवेश पूरी तरह से निःशुल्क रखा गया है। प्रत्येक नाटक लगभग 1 घंटा 5 मिनट की अवधि का होगा। आयोजन को लेकर रंगमंच से जुड़े कलाकारों और दर्शकों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
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