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बिन फेरे हम तेरे, न भरी मांग, न पहनाया मंगलसूत्र:बरेली में सामूहिक विवाह में कई जोड़े रस्में अधूरी छोड़कर लौटे, खाने के लिए मची लूट

बरेली में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शुक्रवार को 485 जोड़ों ने विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। लेकिन आयोजन स्थल पर तस्वीर इससे बिल्कुल अलग नजर आई। कई जोड़ों ने तय परंपरा के अनुसार फेरे लिए, मांग भरी और मंगलसूत्र पहनकर विवाह की सभी रस्में निभाईं। वहीं, बड़ी संख्या में ऐसे भी जोड़े दिखे, जो बिना किसी वैवाहिक रीति-रिवाज के पूरा किए ही दहेज में मिला सामान लेकर वापस लौट गए। कार्यक्रम में गायत्री परिवार की महिला पुरोहितों को विवाह संपन्न कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। मंच पर कुछ जोड़ों का विवाह विधि-विधान से कराया भी गया, लेकिन दर्जनों जोड़े सिर्फ कागजी औपचारिकताएं पूरी करने पहुंचे थे। ना मंडप में बैठे, ना फेरे लिए, फिर भी योजना के तहत मिलने वाला सामान लेकर घर लौट गए। जोड़ों से बातचीत में सामने आई सच्चाई
बरेली कॉलेज ग्राउंड पर आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में दैनिक भास्कर की टीम जब ग्राउंड पर पहुंची, तो वहां की हकीकत सरकारी आंकड़ों से अलग दिखी। भास्कर ने कई जोड़ों और उनके परिवारों से बातचीत की, तो सामने आया कि बड़ी संख्या में लोग सिर्फ योजना का लाभ लेने यहां आए थे, जबकि असली विवाह वे बाद में शुभ मुहूर्त देखकर करने वाले हैं। कई जोड़ों ने साफ स्वीकार किया कि वे रस्में यहीं पूरी नहीं कर रहे। उनका कहना था कि वे परिवार की परंपरा और शुभ तिथि के अनुसार बाद में धूमधाम से शादी करेंगे। वहीं, कुछ ने कहा कि घरवालों की सहमति से वे सिर्फ सरकारी सुविधाएं लेने आए थे और फेरे अपने गांव में रिश्तेदारों की मौजूदगी में कराएंगे। “मुहूर्त नहीं छटा, इसलिए पूरे फेरे नहीं लिए”
अखा निवासी कीर्ति और देवेंद्र की जोड़ी भी उन्हीं में से एक रही। कीर्ति ने न तो मांग भरी, न मंगलसूत्र पहना और न ही सात फेरे लिए। इस पर कीर्ति की मौसी ने भास्कर को बताया-शुभ मुहूर्त अभी निकला ही नहीं है, इसलिए पूरा विवाह यहीं संपन्न नहीं करवाया गया। शादी की सही तारीख अभी तय नहीं हुई है। बैसाख में शादी करने की योजना है। अगर उससे पहले कोई अच्छा मुहूर्त मिल गया तो इसी माह में कर देंगे। यहां हम सिर्फ योजना की प्रक्रिया पूरी करने के लिए आए हैं। इसलिए दो फेरे ही कराए गए हैं, बाकी सारे संस्कार घर पर शुभ मुहूर्त में होंगे। बिना मांग भरे और मंगलसूत्र के हुई सगाईनुमा शादी
मिर्जापुर की सुहानी और बलिया के शिवम का विवाह फिलहाल परंपरागत रीति से पूरा नहीं किया गया। शिवम ने बताया- उनकी असली शादी बाद में होगी, इसलिए न मांग भरी गई और न मंगलसूत्र पहनाया गया। शादी की तारीख भी तय नहीं है। मुहूर्त निकलने पर पूरा विवाह सम्पन्न किया जाएगा। शादी मार्च में, दहेज का सामान अभी साथ
वंशीपुर की ज्योति और बालीपुर के अजीत मार्च में बैंड-बाजे के साथ शादी करने की तैयारी में हैं। यहां न फेरे लिए गए और न कोई रस्म अदा की गई। ज्योति की मां ने बताया कि दहेज का सामान वे अपने साथ ले जा रहे हैं और असली शादी के समय ही देंगे। खानपान में अव्यवस्था, भीड़ के आगे व्यवस्था कमजोर
सामूहिक विवाह में आए मेहमानों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी, लेकिन अधिक भीड़ के कारण सिस्टम गड़बड़ा गया। खाने के समय अव्यवस्था दिखी और लोगों को भोजन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। दो दिनों में 892 जोड़ों ने रचाई शादी
गुरुवार और शुक्रवार को दो दिनों तक बरेली कॉलेज ग्राउंड पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन चला। कुल 892 विवाह संपन्न हुए। शुक्रवार को हुए 485 विवाह में से 349 जोड़ों ने सात फेरे लिए और 136 जोड़ों का निकाह हुआ। वैदिक मंत्रों के बीच मौलवियों ने मुस्लिम जोड़ों का निकाह पढ़वाया। कई ब्लॉकों के जोड़े शामिल
कार्यक्रम में आलमपुर जाफराबाद, मझगवां, रामनगर, बहेड़ी, रिछा, फतेहगंज पश्चिमी, मीरगंज, शेरगढ़, आंवला, बिशारतगंज, देवरनियां और शाही सहित विभिन्न ब्लॉकों के कुल 485 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। जनप्रतिनिधियों ने दिया आशीर्वाद
जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, विधायक संजीव अग्रवाल, विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष आदेश प्रताप सिंह समेत जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में पहुंचकर दीप प्रज्वलित किया और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। प्रशासन का कहना
समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों की सहायता करना है। जोड़ों को दिए 24 तरह के गृहस्थी सामान
सभी नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी की शुरुआत के लिए साड़ी, पायल, बिछिया, प्रेशर कुकर, डिनर सेट, वैनिटी किट, दीवार घड़ी, ट्रॉली बैग, प्रेस, गद्दे, तकिया, डबल बेडशीट और वर के कपड़े सहित कुल 24 सामान दिए गए। ————– ये भी पढ़ें- ‘पत्नी सिर्फ आनंद का साधन’:जगद्गुरु रामभद्राचार्य WIFE का फुल फॉर्म बताकर ट्रोल हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य सोशल मीडिया पर फिर ट्रोल हो रहे हैं। उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने वाइफ (WIFE) शब्द का फुल फॉर्म समझाया। उन्होंने कहा- वाइफ मतलब… पढ़िए पूरी खबर..


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