कानपुर के बिधनू ब्लॉक स्थित मटियारा गांव में नहर माइनर की अधूरी सफाई के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रामगंगा नहर से पानी छोड़े जाने के बाद माइनर ओवरफ्लो हो गया, जिससे करीब दस बीघे गेहूं की फसल जलमग्न हो गई। किसानों का आरोप है कि इससे पहले धान की फसल भी इसी माइनर के पानी से बर्बाद हो चुकी है। ग्रामीणों के अनुसार, धान की फसल बर्बाद होने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर नहर विभाग ने अक्टूबर माह में माइनर की सफाई की रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। हालांकि, किसानों का कहना है कि जमीनी स्तर पर सफाई अधूरी ही रही, जिसके कारण एक बार फिर खेतों में पानी भर गया। ग्राम प्रधान राहुल चौबे ने नहर विभाग पर कागजों में ही माइनर की सफाई दिखाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि माइनर किनारे की पटरी पर चलना भी मुश्किल हो गया है। धान के बाद अब गेहूं की फसल भी डूब गई है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। मटियारा गांव निवासी रामवती बाजपेई ने बताया कि उनके ढाई बीघे खेत में धान के बाद अब गेहूं की फसल भी डूब गई है। उन्होंने कहा, “अस्सी रुपए किलो का बीज बोया था, नहर वालों ने सब बर्बाद कर दिया।” नहर विभाग की कथित लापरवाही के कारण रामवती बाजपेई, उमेश बाजपेई, मिथुन पांडेय, वीरेंद्र पांडेय, ब्रजेश कुमार, मुन्नी लाल और हरबिलास सहित कई किसानों के करीब दस बीघे खेत जलमग्न हो गए हैं। किसानों ने प्रशासन से जल्द पानी निकासी और माइनर की समुचित सफाई कराने की मांग की है।
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