मेरठ में शुक्रवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना समितियों एवं चीनी मिल समितियों के चेयरमैनों की एक बैठक का आयोजन कदंबा रिसोर्ट में आयोजित किया गया। बैठक के आयोजक और अध्यक्ष मलियाना गन्ना समिति के पूर्व चेयरमैन बिजेंद्र प्रमुख रहे । इस बैठक का उदेश्य पराई स्तर में किसान के सामने आने वाली समस्या और चेयरमैनों का अधिकार रहे। इसमें विभिन्न जिलों से आए गन्ना समिति चेयरमैनों ने गन्ना किसानों से जुड़ी समस्याओं पर गहन मंथन किया और सर्वसम्मति से कई अहम निर्णय लिए। आधा आधा बांटा जाए रकबा
बैठक में चेयरमैन ने कहा कि गन्ना किसानों की जो सम्पूर्ण पर्चियां पौधे में लगाई गई हैं, उन्हें तत्काल आधा-आधा पौधे व पेड़ी में संशोधित किया जाए, ताकि किसानों को किसी प्रकार का नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि सभापति किसान और विभाग के बीच का एक स्तंभ होता है गन्ना इसलिए समितियों के चेयरमैनों के पूर्ववत सभी अधिकार तत्काल बहाल किए जाने की मांग उठाई गई। चेयरमैनों ने यह भी निर्णय लिया कि गन्ना समितियों के बोर्ड द्वारा पारित प्रस्तावों में अधिकारियों द्वारा बिना वजह किसी प्रकार की छेड़छाड़ न की जाए। गन्ना तौल को लेकर भी नाराजगी जताई गई और कहा गया कि कृषकों की तौल पूर्व सीजन की तरह ही की जाए। बिना किसानों की सहमति के हाड़े, बुग्गी या ट्रॉली तौल में किसी भी तरह का परिवर्तन न किया जाए। बैठक में यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि समिति की वित्तीय स्थिति को देखते हुए गन्ना किसानों के लिए बीमा योजना, खड़ंजा निर्माण, कृषि यंत्रों पर छूट तथा कीटनाशकों पर छूट देने का अधिकार गन्ना समितियों के बोर्ड को ही होना चाहिए। चेयरमैनों ने कहा कि पूर्व में गन्ना किसानों व समितियों की ओर से दिए गए ज्ञापनों का अविलंब निस्तारण गन्ना मंत्री व गन्ना आयुक्त द्वारा किया जाना चाहिए। चेतावनी दी गई कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो प्रदेशभर के गन्ना समिति चेयरमैन लखनऊ पहुंचकर गन्ना मंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगें रखेंगे। मांगें न माने जाने की स्थिति में धरना-प्रदर्शन करने के लिए भी मजबूर होना पड़ेगा।
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