बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के 105वें दीक्षांत समारोह में गौरव मिश्रा ने दो गोल्ड मेडल हासिल कर एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने 12 दिसंबर को आयोजित इस समारोह में MSc और MCA (कंप्यूटर साइंस) की डिग्री में यह उपलब्धि प्राप्त की। गौरव स्वर्गीय पं. यमुना प्रसाद मिश्रा और स्वर्गीय शशिकला मिश्रा के पौत्र हैं। गौरव मिश्रा मऊ जिले के नगर क्षेत्र स्थित रामलाल वाली गली के निवासी हैं। उनके पिता संतोष मिश्रा, जिन्हें ‘बबलू इलेक्ट्रीशियन’ के नाम से भी जाना जाता है, पेशे से विद्युत तकनीशियन हैं, और उनकी माता का नाम मीना मिश्रा है। गौरव के चाचा रवि मिश्रा दीवानी कचहरी में अधिवक्ता हैं। सीमित आय और कठिन परिस्थितियों के बावजूद, उनके माता-पिता ने बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता दी। गौरव की प्रारंभिक शिक्षा भी संघर्षों से भरी रही। वे अक्सर अपने पिता के साथ स्कूलों में इलेक्ट्रिक वायरिंग का काम देखने जाते थे, जहाँ से उनमें पढ़ाई के प्रति ललक जगी। बेटे की शिक्षा को जारी रखने के लिए, संतोष मिश्रा ने उसी स्कूल में कम वेतन पर नौकरी स्वीकार की, ताकि स्टाफ को मिलने वाली फीस माफी का लाभ मिल सके। इन चुनौतियों के बावजूद, गौरव ने अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और कंप्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तथा मशीन लर्निंग (ML) के क्षेत्र में अपना लक्ष्य निर्धारित किया।
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