गोरखपुर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कहा है कि टोरेंट पावर कंपनी द्वारा बिजली बिल राहत योजना 2025 को लागू करने से इनकार उपभोक्ताओं के हितों पर सीधा प्रहार है। समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि आगरा में लाभ न देने और करार की शर्तों के बार-बार उल्लंघन के आधार पर टोरेंट कंपनी का फ्रेंचाइजी करार तत्काल रद्द किया जाए। आगरा में राहत योजना रोकने की सूचना
समिति के अनुसार यह जानकारी मिली है कि टोरेंट पावर कंपनी आगरा में उपभोक्ताओं को राहत योजना का लाभ नहीं दे रही है। पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत देने के उद्देश्य से लाई गई इस योजना को निजी कंपनी द्वारा न मानना गंभीर स्थिति पैदा करता है। इस मुद्दे को उठाने वालों में समिति के पदाधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह, जीवेश नन्दन, जितेन्द्र कुमार गुप्त, सीबी उपाध्याय, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, करुणेश त्रिपाठी, ओम गुप्ता, राजकुमार सागर, विजय बहादुर सिंह और राकेश चौरसिया शामिल हैं। 25% छूट पावर कॉरपोरेशन दे, तभी योजना लागू
संघर्ष समिति ने बताया कि टोरेंट पावर कंपनी ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम से कहा है कि राहत योजना के तहत मिलने वाली 25% छूट का पूरा भार पावर कॉरपोरेशन उठाए। कंपनी का कहना है कि वह यह छूट अपने खाते से नहीं देगी। समिति के पदाधिकारियों ने इसे उपभोक्ताओं के प्रति उदासीन रवैया बताया। निजीकरण की प्रक्रिया वापस लेने की मांग
संघर्ष समिति ने कहा कि निजी घरानों की कार्यशैली उपभोक्ता-हितों से मेल नहीं खाती। राहत योजना को लागू करने से इनकार करने के बाद यह स्पष्ट है कि वितरण प्रणाली के निजीकरण से उपभोक्ताओं को नुकसान हो सकता है। समिति ने मांग की कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण संबंधी निर्णय को उपभोक्ता हित में वापस लिया जाए।
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