गोरखपुर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर बिजली कर्मियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान 01 जनवरी से शुरू होने वाले आंदोलन की तैयारियों को तेज करते हुए कर्मियों को आगामी चरणों की विस्तृत जानकारी दी गई। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने भी देशभर में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 की प्रतियां जलाकर निजीकरण के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। आंदोलन को लेकर बिजली कर्मियों में जोश समिति के पदाधिकारी पुष्पेंद्र सिंह, जीवेश नंदन, जितेंद्र कुमार गुप्त, सीबी उपाध्याय, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, करुणेश त्रिपाठी, ओम गुप्ता, राजकुमार सागर, विजय बहादुर सिंह और राकेश चौरसिया ने बताया कि लखनऊ में हुई केंद्रीय बैठक के निर्णयों को प्रदेशभर के बिजली कर्मियों तक पहुंचा दिया गया है। इसके बाद सभी जनपदों में प्रदर्शन कर रहे बिजली कर्मियों ने आंदोलन के फैसले का जोरदार समर्थन किया। पदाधिकारियों के अनुसार आगामी चरण को लेकर ऊर्जा कर्मचारियों में भारी उत्साह है। निजीकरण के विरोध में कायम रहेगा संघर्ष जनपदों में हुई बैठकों के दौरान बिजली कर्मियों ने एकमत होकर संकल्प लिया कि निजीकरण तथा उनसे जुड़ी उत्पीड़नात्मक कार्रवाईयों के विरोध में जारी आंदोलन तब तक नहीं रुकेगा, जब तक सरकार निजीकरण का निर्णय वापस नहीं ले लेती और आंदोलनों के दौरान किए गए दंडात्मक कदम वापस नहीं होते। कर्मचारियों ने कहा कि यह आंदोलन सेवा, सुरक्षा और उपभोक्ताओं के हितों से जुड़ा मुद्दा है। 01 जनवरी से 21 जनवरी तक ऐसे चलेगा आंदोलन संघर्ष समिति ने बताया कि 01 जनवरी को आंदोलन के 400 दिन पूरे होने पर सभी ऊर्जा कर्मचारी काली पट्टी बांधकर विरोध की शुरुआत करेंगे, जो 08 जनवरी तक चलेगा। 08 जनवरी को सभी डिस्कॉम मुख्यालयों और परियोजनाओं पर व्यापक प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद 08 जनवरी से 21 जनवरी तक कर्मचारी ड्यूटी समाप्त होने के बाद बिजली आपूर्ति बनाए रखने के अलावा कोई अतिरिक्त कार्य नहीं करेंगे। 21 जनवरी को लखनऊ में प्रांतव्यापी विशाल रैली आयोजित की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति और अगले कार्यक्रमों की घोषणा होगी। किसानों और उपभोक्ताओं को नहीं होगी परेशानी संघर्ष समिति ने दोहराया कि आंदोलन पूरी तरह से जिम्मेदाराना तरीके से चलाया जाएगा। किसानों और आम उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए ब्रेकडाउन और आवश्यक सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर अटेंड किया जाएगा। समिति ने कहा कि आंदोलन का उद्देश्य विवाद नहीं, बल्कि सेवा और व्यवस्था को सही दिशा देना है।
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